जिले के मछलीपालकों के लिए खुशखबरी है. प्रदेश सरकार अंतर्गत मत्स्य विभाग की ओर से उन्हें भागलपुर में बाजार देने की तैयारी शुरू हो गयी है. इसे लेकर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में चार स्थानों को चिह्नित कर लिया गया है. इतना ही नहीं विभाग के पदाधिकारियों ने स्पॉट वेरिफिकेशन भी किया और मुख्यालय की ओर से भेजी गयी रिपोर्ट को स्वीकृति मिल गयी है. परशुरामपुर, फुजूरपुर, मुरहन हाट व कासिल हाट का हुआ स्थल निरीक्षण जिला मत्स्य पदाधिकारी कृष्ण कन्हैया ने बताया कि पीरपैंती में दो स्थानों, जबकि गोराडीह में दो स्थानों पर जमीन चिन्हित की गयी है. पीरपैंती प्रखंड में परशुरामपुर के अठनिया मोहनपुर, जबकि दूसरा फूजूरनगर गीमतपुर में, वहीं गोराडीह प्रखंड में एक मुरहन हाट, जबकि दूसरा कासिल हाट का स्थल निरीक्षण किया जा चुका है. मत्स्यपालकों के लिए बाजार की क्या है योजना जिले में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में मछलीपालकों को अब तक बाजार की कमी महसूस हो रही है. ऐसे में मत्स्यिकी विकास योजना के तहत सरकारी स्तर पर बाजार देने की तैयारी शुरू हो गयी है. शहरी क्षेत्र में 8000 स्क्वायर फीट भूमि में बाजार अर्थात हाट तैयार करना है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 4000 स्क्वायर फीट में. इसमें शेड, टैंक व अन्य मूलभूत सुविधा जैसे पानी, बिजली आदि उपलब्ध कराना है. अब तक शहरी क्षेत्र में एक भी जगह चिन्हित नहीं हो पायी है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में चार स्थानों पर जमीन चिन्हित कर ली गयी है. शहरी क्षेत्र में गाड़ी रखने की व्यवस्था, ताकि गाड़ी से मछली लाने और अन्य स्थानों पर पहुंचाया जा सके. यहां गाड़ियों की लैंडिंग की सुविधा दी जायेगी. कोट:- ग्रामीण क्षेत्रों में स्थल निरीक्षण के बाद आगे मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी गयी. रिपोर्ट भेजने के बाद चिन्हित जगह की स्वीकृति भी मिल गयी. यहां मछलीपालकों को सरकारी दुकानें दी जायेगी. इससे पहले विभागीय निविदा निकाली जायेगी. यहां शेड बनाकर दुकानें दी जायेगी. मछली पालकों को सारी मूलभूत सुविधा भी सरकारी स्तर पर मिलेगी. कृष्ण कन्हैया, जिला मत्स्य पदाधिकारी, भागलपुर
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