भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रेस में लाखों रुपये की छपाई मशीन सफेद हाथी बन कर रह गयी है. विवि को छपाई कराने के लिए बाहरी प्रेस का सहारा लेना पड़ता है. ऐसे में छपाई कार्य पर हजारों रुपये खर्च करना पड़ रहा है. विवि से जून में प्रकाशित होने वाली चंपा पत्रिका भी बाहरी प्रेस में छपाई करायी जा रही है. पत्रिका का छपाई का काम शुरू हो गया है. विवि अधिकारियों में चर्चा है कि विवि प्रेस में कार्यरत कर्मचारियों में प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं. विवि को दूसरी चीजों की छपाई के लिए बाहरी प्रेस में अलग से हजारों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. विवि प्रेस की कार्यशैली को लेकर कुलपति ने नाराजगी जतायी है. विवि के अधिकारी ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व प्रेस के कर्मचारियों को बुला कर प्रेस की गतिविधि की जानकारी कुलपति ने ली थी. विवि की चंपा पत्रिका छपाई करने के लिए कहा गया था, लेकिन प्रेस के लोगों ने संसाधन का अभाव व कर्मचारी की कमी बता छपाई को लेकर हाथ खड़ा कर दिया था. विवि प्रशासन ने प्रेस से संबंधित कार्यशैली को लेकर कर्मचारी से सप्ताह भर के अंदर रिपोर्ट मांगी थी.
विवि प्रेस के पास 30 लाख से अधिक की मल्टी कलर मशीन है. विवि के पूर्व कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे के कार्यकाल में खरीद की गयी थी. कलर मशीन से तीन से पांच हजार कॉपी एक घंटे में छपाई होती है. प्रेस में कॉपी, फ्लाई लीप, नोट सीट, सिलेबस व रजिस्टर की छपाई होती है.
प्रेस सूत्रों के अनुसार विवि में परीक्षा नहीं रहने पर काम मंद गति से चलता है. परीक्षा आने पर विवि से की गयी कॉपी डिमांड के अनुसार छपाई का काम दो शिफ्ट में किया जाता है. विवि द्वारा कागज की व्यवस्था कराने पर काम चलता रहता है. विवि में आगामी कई परीक्षा का आयोजन होना है. पांच लाख से अधिक कॉपी की जरूरत पड़ सकती है. विवि प्रेस के पास कागज की कमी है.