Bhagalpur News: नवगछिया अनुमंडल कारा में देर शाम एक बंदी की संदेहास्पद मौत हो जाने की चर्चा के बाद नवगछिया का माहौल गर्म हो गया. सूचना के अनुसार जेल में बंदी की मौत के बाद काफी संख्या में उसके रिश्तेदार, परिजन व ग्रामीण नवगछिया जेल के पास पहुंचे, जहां से उन्हें समझा बुझा कर शांत कराया गया. हालत बिगड़ने के बाद दो बंदियों को भागलपुर स्थित मायागंज अस्पताल भेजा गया. एक बंदी सोनवर्षा के संतोष कुमार को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि दूसरे का इलाज मायागंज अस्पताल के ही कैदी वार्ड में कराया जा रहा है.
मायागंज अस्पताल में मौजूद परिजनों ने संतोष की मौत को लेकर जेल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाये हैं. हालांकि नवगछिया जेल प्रबंधन ने लगाये गये आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए पूरे मामले की जांच कराने और मौत के सही कारणों का पता लगाने की बात कही है
जेल सूत्रों के अनुसार नवगछिया जेल में बंद हत्याकांड मामले के अभियुक्त सोनवर्षा के संतोष कुमार की तबीयत अचानक बिगड़ गयी. जेल के भीतर उसका प्राथमिक इलाज कर उसे मायागंज अस्पताल भेजा गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. उसी वक्त जेल में बंद एक अन्य कैदी सैदपुर के मनीष कुमार की भी तबीयत खराब हुई. उसे मायागंज अस्पताल भेजा गया. सोनवर्षा के रोहित दास के पुत्र संतोष कुमार को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया, जबकि सैदपुर के विचाराधीन बंदी मनीष कुमार को इलाज के लिए जेएलएनएमसीएच मायागंज के बंदी वार्ड में भर्ती कराया गया.
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नवगछिया अनुमंडल कारा के जेल अधिक्षक तारिक अनवर ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों बीमार थे और दोनों के बीमार होने की वजह अलग-अलग है. दोनों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां एक की मौत हो गयी.
जेल अधिक्षक ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. घटना की सूचना मिलते ही सोनवर्षा से बड़ी संख्या में ग्रामीण और मृतक के परिजन भागलपुर मायागंज पहुंच गये थे. मृतक की पत्नी उषा देवी ने आरोप लगाया है कि उसके पति को जहर की सुई दे मार डाला गया.
उषा देवी ने कहा कि शराब पीने के बाद हुई मौत के मामले में उसके पड़ोसियों ने उसके पति फंसाया. करीब तीन माह पहले उसे जेल भेजा गया था. मृतक के भाई अशोक दास ने कहा कि घटना के बाद उन्हें किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गयी. सबसे पहले वह लोग थाना गये, वहां से पता चला कि संतोष अस्पताल में है. वह लोग स्थानीय अस्पताल गये, वहीं से पता चलने पर वह लोग जेएलएनएमसीएच पहुंचे, तो वहां संतोष का शव रखा था.
मालूम हो कि पिछले दिनों जेल में एक आत्महत्या का मामला सामने आया था. कुछ दिन बाद ही जेल में हुई इस दूसरी घटना से जेल की व्यवास्था पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है.जेल में संतोष कुमार की मृत्यु के बाद नवगछिया के बुद्धिजीवियों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. स
Posted By: Thakur Shaktilochan