शहबाजिया साहित्यिक परिषद के बैनर तले रविवार को स्थानीय होटल में विमोचन समारोह आयोजित किया गया. टीएमबीयू के पीजी फिजिक्स विभाग के पूर्व हेड रहे प्रो राफिक जमां पर आधारित पुस्तक अरगुमान-ए-राफिक जमां नाम से पुस्तक का लोकार्पण किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष सैयद अहमद अता हुसाम कादरी ने किया. मौके पर साहित्यिक परिषद के उत्साही सैयद शम्स-उल- जमा उर्फ बज्मी ने अपने पिता प्रो डॉ राफिक जमा के व्यक्तित्व व उर्दू दोस्ती पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि उर्दू को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा दौर में उर्दू का विकास व प्रचार-प्रसार तेजी से होना चाहिए. इस अवसर पर प्रो शाहिद रजा जमाल ने कहा कि पुस्तक की खास बात ये है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के एक प्रोफेसर ने उर्दू में रचनाएं की है, जो मूल्यवान है.प्रो फारूक अली ने कहा कि समारोह इस बात का गवाह है कि उर्दू अभी भी जिंदा है. चिकित्सक डॉ इम्तियाजुल रहमान ने अरमुगान- राफिक की पचास प्रति खरीदकर उर्दू को बढ़ावा देने की घोषणा की. मौके पर डिप्टी मेयर डॉ सलाउद्दीन अहसन, डॉ गुरूदेव पोद्दार, डॉ इकबाल हसन आजाद, नईम रजा, फैयाज हुसैन, हबीब मुर्शिद खान, ऐनुल होदा, दाऊद अली अजीज आदि मौजूद थे. दूसरे सत्र में मुशायरा का आयोजन किया गया. इसमें जोसर अयाग, फैज रहमान, शब्बीर अहमद जाफरी, मजहर मुजाहिदी, काजिम अशरफी, फैयाज हसन, जावेद अनवर आदि अपने शायरी से लोगों को झुमाया.
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