सुलतानगंज के जाने माने साहित्यकार, चित्रकार व संगीतकार प्राणमोहन प्रीतम ने काव्य संग्रह ध्रुवतारा की रचना की है. इस पुस्तक में हिंदी व अंगिका भाषा की 33 कविताएं हैं. ये कविताएं देश की राजनीतिक परिदृश्य, चुनाव, अध्यात्म व दर्शन, त्योहार, मानव स्वभाव, रीति रिवाज, आपसी संबंध, कोराना काल, अंगक्षेत्र व अंगिका की स्थिति समेत कई विषयों पर आधारित हैं. प्राणमोहन प्रीतम ने कविताओं की रचना के बाद इसका टंकन, मुद्रण, आवरण बाइंडिंग और कटिंग सब इन्होंने अपने घरेलू संसाधन से की है. बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्राणमोहन ने सुलतानगंज स्थित अजगैवीनाथ धाम एवं श्रावणी मेला पर आधारित अजगवीनाथ माहात्म्य नामक पुस्तक का पूर्व में प्रकाशन किया है.
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