Purnia News. पूर्णिया पुलिस द्वारा पिछले दिनों एक कार से 5.190 किलोग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार दो तस्करों ने कई सनसनीखेज खुलासे किये हैं. इस तस्कर का इतना बड़ा नेटवर्क था कि हर माह करीब डेढ़ करोड़ और साल में 18 करोड़ की कमाई होती थी. तस्करों ने कोशी-सीमांचल एवं नौगछिया के इलाके में स्मैक का छोटा-छोटा पुड़िया बनाकर खपाता था. गिरफ्तार तस्करों ने यह खुलासा पुलिसिया पूछताछ के दौरान किया है. तस्करों ने बताया कि नशे के कारोबार के खिलाफ पुलिस की गतिविधि बढ़ने पर हमलोगों ने अपना एक रूम स्मैक तस्करी के लिए नवगछिया में ले रखा था. दालकोला से हमलोग स्मैक सीधे नवगछिया वाले रूम में लाकर रख देते थे. इसके बाद ऑर्डर के हिसाब से छोटे-छोटे तस्करों को उपलब्ध कराते थे. इसमें हम लोगों को 100 ग्राम के एक जीपर पर तीस से चालीस हजार रुपये का मुनाफा होता था. प्रति महीने हमलोग 300 से 400 जीपर कोसी व सीमांचल के क्षेत्र में खपाते थे. दालकोला का शक्ति दादा हमलोगों को कुछ दिनों के उधार में भी स्मैक उपलब्ध करा देता था.
मणिपुर से आता था स्मैक की कच्ची सामग्री
स्मैक की कच्ची सामग्री (क्रूड) जो मणिपुर से आता था. यह 20 लाख रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से मिलता था. एक ही बार में जो क्रूड मणिपुर से 15 से 20 किलो मंगवाते थे. एक किलो क्रूड से तीन से साढ़े तीन किलो स्मैक तैयार किया जाता था. पश्चिम बंगाल के दालकोला का रहनेवाला शक्ति दादा, कलिया चक मालदह से स्मैक बनाने वाले विशेषज्ञ को बुला कर अन्य सामग्री मिला कर दालकोला में ही बनवाते थे. स्मैक जब तैयार हो जाता था तो शक्ति दादा माल तैयार होने के उपरांत हमलोगों को बुंला कर 100-100 ग्राम के जिपर में मांग के हिसाब से उपलब्ध कराता था.
आर्डर के हिसाब से की जाती थी आपूर्ति
हमलोगों द्वारा जो अन्य छोटे छोटे तस्कर को स्मैक उपलब्ध कराते थे उनमें अमन पाठक, मो. शमशेर, आनंद, किशन पासवान, राजीव जायसवाल, अजय मंडल, समीर पाठक, अंकु सिंह, गुंजन, उदय गुप्ता, स्वर्णदीप, धीरज, रिजवान, नीरज कुमार, तैमूर शामिल है. सभी को ऑर्डर के हिसाब से स्मैक सप्लाई किया जाता था. नयन सिंह, सिट्टू सिंह एव साजन चौधरी इनलोगों के , संपर्क में रहता था, उसको भी ऑर्डर के हिसाब से स्मैक सप्लाई करते थे. स्मैक सप्लाई में रौनक कुमार एवं उसका दोनों भाई धीरज और नीरज, अमन पाठक, गोलू आदि लोग रहते थे. जब स्मैक की खेप लेकर दालकोला से आते थे तो धीरज चेकपोस्ट पर रह कर पुलिस की गतिविधि की सूचना देता था.
बेरोजगारी के कारण अपनाया यह धंधा
रौनक एवं रिक्की सिंह ने पुलिस के समक्ष बताया कि हमदोनों अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बंगाल से स्मेक लाकर पूर्णिया, कटिहार एवं नौगछिया में बेचना शुरू किया. इस क्रम में गत वर्ष 2023 में हमदोनों कोढ़ा थाना क्षेत्र में स्मैक के साथ पकड़े गये. दोनों करीब चार माह कटिहार जेल में रहे. जेल से छूटने के बाद पुन: स्मैक का कारोबार बड़े पैमाने पर शुरू किया. इस बीच उनकी दोस्ती नयन सिंह, सिट्टू सिंह, दालकोला का शक्ति दादा, साजन चौधरी एवं अन्य पूर्णिाया के छोटे छोटे तस्करों से हुई. अधिक कमाई के लालच में हमलोग मिल कर दालकोला के शक्तिदादा से स्मैक लाकर पूर्णिया, नौगछिया, अररिया, मधेपुरा एवं आसपास के क्षेत्रों में स्मैक पहुंचाते थे. हमालोगों को मोटी कमाई होती थी और सभी अपनी अपनी पूंजी के हिसाब से हिस्से का बंटवारा करते थे.
बोले एसपी
गिरफ्तार तस्करों द्वारा जिन लोगों के नाम बताये गये हैं, उनकी गतिविधियों की जांच कर गिरफ्तारी की जायेगी. गिरफ्तार स्मैक तस्कर रोनक कुमार एवं रिक्की सिंह को विशेष पूछताछ के लिए जल्द ही रिमांड पर लिया जायेगा.
कार्तिकेय शर्मा, एवपी पूर्णिया