भगवान के साथ गोपियों की रासलीला एवं कंस का वध और भगवान की शादी इन सारी कथाओं का सार यही है कि भगवान के साथ जिन गोपियों ने रासलीला की, वह कोई शारीरिक सौंदर्य के कारण नहीं था. एक स्त्री पुरुष का मिलन नहीं था, बल्कि एक आत्मा और परमात्मा का मिलन था. एक जीव और परमात्मा का मिलन ही रास है. उक्त बातें पंडित रविशंकर शास्त्री ने बूढ़ानाथ मसानी काली परिसर में भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन शुक्रवार को प्रवचन करते हुए कही.
छठे दिन रासलीला प्रसंग व कंस वध प्रसंग पर प्रवचन किया. फिर पंडित रविशंकर शास्त्री ने भजन प्रस्तुत किया. इस मौके पर समिति के संयोजक मुकेश सिंह, अध्यक्ष अभय कुमार घोष सोनू, पंडित रमेश झा, शंकर मिश्रा नाहर, अवध, सुनील चटर्जी, श्रेष्ठ गांधी, उपाध्यक्ष ओमप्रकाश मंडल, निरंजन सिंह, कोषाध्यक्ष आलोक सिंह, मंत्री मुकुल सिंह, मोहित सिंह, आनंद पासवान, शेखर मंडल, अमित कुमार, विष्णु मंडल, पार्थो घोष, गिरधर पोद्दार, रवि गुप्ता, शांतनु कुमार, मनीष कुमार, संतोष राम उपस्थित थे.
राजस्थान से पधारे कथा व्यास पंडित उमेश शास्त्री ने शुक्रवार को खाटू श्याम मंदिर मंदरोजा में गोवर्धन महिमा पर प्रवचन किया. कहा कि यदि हम गाय को बढ़ाते हैं, तो हमारे सभी प्रकार के दु:ख को गोविंद हरते हैं. गो अर्थात गाय और वर्धन अर्थात उनकी बेहतरी करना. इसे ही गोवर्धन कहा गया है. छठे दिन श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह प्रसंग पर भी प्रवचन हुआ. इस मौके पर श्यामसुंदर डेबरा, विक्की डेबरा आदि उपस्थित थे.
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