धान व आगामी रबी फसल के लिए बारिश फायदेमंद
चक्रवाती तूफान डाना के कारण जिले में हो रही बारिश धान की फसल के साथ ही आगामी रबी फसल के लिए लाभकारी रहेगी.
चक्रवाती तूफान डाना के कारण जिले में हो रही बारिश धान की फसल के साथ ही आगामी रबी फसल के लिए लाभकारी रहेगी. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो धान की पिछैती खेती के कारण ऐसा संभव हो पाया. मालूम हो कि जिले में धान के कुल रकबा में 95 फीसदी खेती पिछैती है. इस सीजन में पचास हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में धान की खेती हुई है. नहीं तो धान की फसल को क्षति हो सकती थी. हालांकि, किसानों को अब भी तेज बारिश व आंधी की आशंका से फसल की बर्बादी की चिंता सता रही है.
जिले में पहले से ही गंगा के उत्तरी हिस्सा व आसपास क्षेत्र बाढ़ का दंश झेल रहा है और अब डाना का असर कम नहीं हो रहा है. लगातार हो रही बारिश किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. जिले में 48 हजार हेक्टेयर में धान की खेती व एक लाख हेक्टेयर से अधिक रकबा में खरीफ फसल लगे हैं. अगैती धान की खेती पर आंशिक असर पड़ा है. धान उत्पादक किसान शिरोमणि कुमार ने बताया कि अगैती धान में बाली निकल आयी है. बारिश के कारण बाली में दूध भरने और दाना बनने की बजाय खखरी की स्थिति बन रही है. नाथनगर के दूसरे धान उत्पादक किसान महेश राय ने बताया कि कुछ क्षेत्रों में बाढ़ का प्रकोप है तो कुछ क्षेत्र में सुखाड़ का. सुखाड़ वाले क्षेत्र में धान उत्पादन हो रहा है. अब डाना ने भय का माहौल बना दिया है.पौधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक सुजीत कुमार पाल ने बताया कि जिले के नौ प्रखंड धान उत्पादक क्षेत्र हैं. इसमें जगदीशपुर, शाहकुंड, गोराडीह, नाथनगर, सबौर, कहलगांव, सन्हौला, सुल्तानगंज व पीरपैंती आते हैं. यहां देर से हुई बारिश के कारण पिछैती धान की खेती हुई. ऐसे में यहां नुकसान कम और फायदा अधिक हुआ है. यह बारिश आगामी रबी फसल के लिए भी मिट्टी में नमी बनाये रखेगा और बेहतर रबी फसल के लिए फायदेमंद साबित होगा. सिंचाई की कम से कम आवश्यकता पड़ेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है