कहलगांव. प्रखंड के बरैनी गांव में आयोजित नौ दिवसीय 11 कुंडीय श्री श्री 1008 महाविष्णु महायज्ञ के संध्याकालीन रामकथा के छठे दिन सोमवार को वृंदावन से पधारी देवी रश्मि किशोरी जी ने अपने कथा का प्रारंभ श्री राम झांकी के साथ करते हुए कहा कि श्री रामचरितमानस मानव जीवन का दर्पण है. श्री राम कथा त्रेता कालीन नहीं बल्कि सर्वकालिक है. आज के समाज में श्री राम चरित्र मानस के पद चिह्नों पर चलना आसान बात नहीं है. लोग दुनिया भर के माया जाल में बस जाने को तैयार हैं. भगवान श्री राम हमें जीना सिखाते हैं, जो हमें वास्तव में क्या सही है क्या गलत है यह विवेक प्रदान करते हैं. ऐसे भगवान की कथाओं से आज का समाज दूरियां बनाते जा रहा है. बाबा गोस्वामी जी ने श्री राम विवाह के पश्चात श्री राम वन गमन की पावन कथा का रसपान कराया. उन्होंने कहा कि बड़े उत्साह से श्री राम माता-पिता का वचन पालन करने के लिए सर्वश त्याग कर वन की ओर प्रस्थान किये. कथा प्रारंभ होने के पूर्व दीप प्रज्वलित किया गया. मौके पर कथा सुनने के लिए काफी संख्या में महिला श्रद्धालु तथा स्थानीय ग्रामीण और आयोजन समिति के सदस्य उपस्थित थे.
भगवान के बताये मार्ग पर चलकर मिलेगी मुक्ति : श्रेयांशी पांडे
सुलतानगंज मिरहट्टी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचिका श्रेयांशी पांडे ने कहा कि भगवान के निरंतर ध्यान व मनन से व्यक्ति को भवसागर से मुक्ति मिलती है. भगवान के बताये मार्ग पर चलने की बात कही. संसार में रह कर भी संसार में विरक्ति नहीं होने से व्यक्ति का उद्धार हो जाता है. कर्म करते हुए भगवान का नाम जाप करते रहने की बात कही. उन्होंने कहा कि जैसा अन्न खायेगे, वैसा मन बनेगा. इसलिए अन्न सही व्यक्ति का ही खाना चाहिए. उन्होने राजा परीक्षित, श्रृंगी ऋषि का प्रसंग विस्तार से सुनाया. कथा सुनने लोगों की भीड़ उमड़ रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है