Bihar News: इन 6 कुख्यात कैदियों से तंग था बेऊर जेल प्रशासन, पटना से अब भागलपुर जेल भेजा गया
Bihar News: पटना के बेऊर जेल में बंद 6 कुख्यात कैदियों को भागलपुर जेल में शिफ्ट किया गया. जानिए क्या है इसके पीछे की वजह...
Bihar News: पटना के बेऊर जेल में बंद कुख्यात रवि गोप सहित छह कैदियों को भागलपुर जेल भेज दिया गया है. इन कैदियों को कारा की विधि व्यवस्था के हित में भागलपुर के सेंट्रल जेल व जुब्बा साहनी जेल में भेजा गया है. बेऊर जेल प्रशासन इन कैदियों की हरकतों से तंग आ चुका था. आए दिन ये कुख्यात अशांति फैलाते रहते थे और जब इनपर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई होती थी तो ये अनशन पर बैठ जाते थे. जेल की सुरक्षा और विधि व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इन्हें भागलपुर की जेलों में भेज दिया गया है.
कुख्यात रवि गोप समेत इन कैदियों को शिफ्ट किया गया…
कुख्यात रवि गोप के अलावा नक्सली संगठन से जुड़े प्रमोद मिश्रा उर्फ सोहन दा उर्फ बनवारी उर्फ बीबीजी उर्फ बाबा, विजय कुमार आर्य, अरमान मलिक उर्फ इम्तियाज अनवर, प्रवीण कुमार और टुनटुन रविदास उर्फ धर्मेंद्र रविदास को बेऊर से भागलपुर जेल भेजा गया है.
ALSO READ: Bihar: भागलपुर जीरोमाइल से मिर्जाचौकी तक कैसी होगी नयी NH-80 सड़क? महत्वपूर्ण बातें जानिए…
बेऊर जेल अधीक्षक ने बतायी शिफ्ट करने की वजह…
बेऊर जेल के अधीक्षक विधु कुमार ने बताया कि इन कैदियों की मंशा हमेशा कारा में अशांति व्याप्त करना रहा है. इनके द्वारा कई प्रतिबंधित सामग्रियों का सेवन व मोबाइल फोन का उपयोग किया जाता था. इन पर अंकुश लगाने के कारा प्रशासन ने कार्रवाई करना शुरू किया, तो दबाव बनाने के लिए अनशन प्रारंभ कर दिया जाता है. पूर्व में भी कारा की सुरक्षा व विधि व्यवस्था के हित में इन सभी राज्य की अन्य जेलों में स्थानांतरित किया जा चुका है.
भागलपुर सेंट्रल जेल में बंद कैदी की मौत
इधर, शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा (भागलपुर सेंट्रल जेल) में बंद हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे बंदी की इलाज के दौरान गुरुवार देर रात मौत हो गयी. शुक्रवार को दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्त कर मामले में कागजी प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया.
सिलीगुड़ी का रहने वाला था बंदी
मिली जानकारी के अनुसार मृत बंदी राजीव कुमार (54) शंकर प्रसाद घोष का पुत्र है. वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिला स्थित सिलीगुड़ी थाना क्षेत्र के महानंदा पारा के रहनेवाला था. उनका पूरा परिवार सुपौल जिला के टाउन थाना क्षेत्र के विलियम उच्च विद्यालय के समीप रहता है.
कारा के अधीक्षक बोले…
शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा के अधीक्षक युसुफ रिजवान ने बताया कि बंदी राजीव कुमार का पुराना मेडिकल हिस्ट्री रहा है. वह पूर्णिया जिला में 11 साल पूर्व हुए हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे था. कुछ साल पहले ही उसे पूर्णिया से भागलपुर जेल में ट्रांसफर किया गया था. विगत 13 अगस्त को उनकी स्थिति बिगड़ने के बाद उन्हें जेएलएनएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां से विगत 24 अगस्त को अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए हाइयर सेंटर (एम्स/आइजीआइएमएस/पीएमसीएच) रेफर कर दिया गया था.
इलाज के दौरान हुई मौत
राजीव कुमार को सीकेडी (किडनी डिसऑर्डर) सहित हाइपरटेंशन, डाइबिटिस, इंट्रा सेरिब्रल हैमरेज सहित मल्टी ऑर्गन फेल्योर की शिकायत थी. उन्हें रेफर किये जाने के बाद कागजी कार्रवाई की जा रही थी. फिलहाल उन्हें जेएलएनएमसीएच के आइसीयू वार्ड में चिकित्सकों के निगरानी में तत्काल रखा गया था. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. अधीक्षक ने बताया कि बंदी की मौत की जानकारी कारा विभाग सहित जिलाधिकारी को दी गयी. मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कारा कर्मियों का फर्द बयान दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम कराया गया.