नाथनगर : पेशकार, डाॅक्टर, स्टेशनमास्टर, शिक्षक वैसे तो समाज के हित लिए काम करते हैं, लेकिन पेशे से अलग हटकर भूखे को भोजन करा मिसाल कायम कर रही है नाथनगर के युवाओं की टोली. जब समाज का युवा कोई अच्छा मुकाम हासिल करता है, तो समाज के लोगों को गर्व होता है. 10 युवाओं की टीम इस लॉकडाउन में मजबूर लोगों के लिए सवेरे उठकर भोजन की व्यवस्था में लग जाते हैं. खुद भोजन बना कर पैक करते और दो या तीन मोटरसाइकिल पर लेकर सड़क पर निकल जाते है. सड़क पर भूखे भटक रहे गरीब, बेसहारा, दिव्यांग आदि को खोज कर उन्हें भोजन कराते हैं.
युवाओं की टीम रोजाना करीब 300 लोगों को खाना खिला रही है. खुद के वेतन व अभिभावक से पैसे मांग कर रहे महान कार्य टीम लीडर पेशे से पेशकार सत्यम सत्यजीत बताते हैं कि करीब 10 युवाओं की टोली यह कार्य कर रही है. वह किसी से सहयोग नहीं ले रहे हैं. खाने में स्वाद का रखते हैं विशेष ख्यालवैसे तो इस भीषण संकट में स्वाद नहीं भूख मिटाना सबसे महत्वपूर्ण है, लेकिन युवाओं की टीम स्वाद का भी ख्याल रखती है. एमएड पास सूरज कुमार बताते हैं कि सप्ताह में सातों दिन अलग-अलग तरह के भोजन पकाते हैं.
भोजन मानसरोवर किताब दुकानदार के रामपुर स्थित घर पर बनता है. उनके परिवार वाले भी खाना बनाने में सहयोग कर रहे है. शादी विवाह में बर्तन भाड़े पर लगानेवाले एक व्यवसायी बिना भाड़े के बर्तन उपलब्ध कराये हैं.युवाओं की टीम में शामिलयुवाओं की टोली के लीडर भागलपुर सिविल कोर्ट में पदस्थ अनाथालय रोड के सत्यम सत्यजीत, आकाश कुमार स्टेशन मास्टर, विवेकानंद भारती डाॅक्टर ,सुरज कुमार एम एड करके सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, सदानंद कुमार नेट जेआरएफ क्वालीफाइ किये हैं, मिथलेश प्रतियोगी छात्र है.