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बारिश हुई तो छात्रावासों में जलजमाव से मुक्ति के लिए विवि के पास पंपिंग स्टेशन बनाने की आयी याद

गर निगम का भी जवाब नहीं. गुरुवार को बारिश हुई तो टीएमबीयू छात्रावास रोड एवं छात्रावासों में जलभराव दूर करने के लिए विश्वविद्यालय के पास पंपिंग स्टेशन बनाने की याद आयी है.

– योजना शाखा को पिछले साल ही प्रपोजल बनाने का मिला था निर्देश, भूल कर बैठा रहा साल भर- अभी भी आचार संहिता लागू रहने के बहाने कागजी प्रक्रिया पूरी करने तक में भी नहीं ले रहे दिलचस्पी

– कागजी प्रक्रिया पूरी कर ले तो आचार संहिता के तुरंत बाद शुरू हो सकेगा कामवरीय संवाददाता, भागलपुर

नगर निगम का भी जवाब नहीं. गुरुवार को बारिश हुई तो टीएमबीयू छात्रावास रोड एवं छात्रावासों में जलभराव दूर करने के लिए विश्वविद्यालय के पास पंपिंग स्टेशन बनाने की याद आयी है. जबकि, यह काम पिछले साल ही योजना शाखा से कहा गया था कि वह प्रपोजल तैयार करे, लेकिन वक्त के साथ इसको भुला दिया गया. योजना शाखा ने सालभर में न तो प्रपोजल तैयार किया और न ही पंपिंग स्टेशन का निर्माण किया. अब फिर से इसके निर्माण की बात उठी है. बताया जा रहा है कि पाइपलाइन के जरिए इस पंपिंग स्टेशन का पानी साहेबगंज में बन रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जायेगा.

डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने समीक्षा बैठक में नगर निगम प्रशासन को जलजमाव का हल निकालने का निर्देश दिया था. नगर आयुक्त नितिन कुमार सिंह के नेतृत्व में तकनीकी टीम ने जायजा लिया था. इसमें बुडको, स्मार्ट सिटी व नगर निगम के अभियंता व तकनीकी टीम ने संयुक्त रूप से छात्रावास मार्ग का निरीक्षण किया था. इसके बाद नगर निगम की ओर से इस जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए यहां पंपिंग स्टेशन बनाने का निर्णय लिया गया है. देखना अब यह है कि उनकी इस पहल पर कितना काम होता है. इधर, जब प्रपोजल तैयार होगा, तो डीएम को सौंपा जायेगा.

डीएम के निर्देश के बाद भी तैयार नहीं हुआ एक्शन प्लान

छात्रावासों में जलभराव दूर करने के लिए डीएम ने दो दिन पहले भैरवा तालाब को इनलेट फिल्टरयुक्त बनाने की बात नगर आयुक्त से कही थी, ताकि तालाब में गाद या कचरा जमा न हो सके. साथ ही आउटलेट कहां होगा इसे भी चिह्नित करने को कहा था. वाई सेप में इनलेट डिजाइन करने के लिए निर्देशित किया था, ताकि तालाब के भर जाने पर पहले चैनल बंद कर दूसरा चैनल पानी को बाहर ले जाने के लिए चालू किया जा सके. लेकिन, अब तक एक्शन प्लान नहीं बन सका है. आचार संहिता समाप्ति के तुरंत बाद कार्य प्रारंभ किया जा सके, इसकी तैयारी करने के बजाय योजना शाखा आचार संहिता का बहाना कर रही है.

छोटे नाव चलाने की नौबत तक आ जाती है

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर के पीजी छात्रावास मार्ग के अलावा छात्रावासों में हरेक साल जलभराव की समस्या बनी रहती है. यह मार्ग मुख्य मार्ग से काफी नीचे है. यहां विवि प्रशासन द्वारा ड्रेनेज की व्यवस्था पूर्व में नहीं की गयी. छात्रावास मार्ग में चार से पांच फीट तक जलभराव हो जाता है. छात्रों को छात्रावास छोड़ना पड़ता है. सड़क पर छोटे नाव चलाने की नौबत तक आ जाती है. इस मानसून में भी छात्रों को परेशानी होने की आशंका बनी हुई है. क्योंकि, पिछले साल निगम की ओर से वटवृक्ष चौक तक ह्यूम पाइप बिछायी गयी है, लेकिन ह्यूम पाइप को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के मुख्य पाइप से नहीं जोड़ा गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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