तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में दो पदाधिकारियों के विवाद का असर अब छात्र-छात्राओं के भविष्य पर पड़नेवाला है. कुलपति फाइलों पर आदेश कर रहे हैं और आरोप है कि रजिस्ट्रार सारी आदेशित फाइल को अटका दे रहे हैं. नतीजतन विश्वविद्यालय को प्रश्नपत्र उपलब्ध करानेवाली एजेंसी का पुराना भुगतान ही फंस गया है. अब विश्वविद्यालय चाह रहा है कि कुछ कागज स्थानीय बाजार से ही खरीद कर लें और उसकी फाइल भी विश्वविद्यालय के पदाधिकारी के यहां पेंडिंग पड़ी हुई है. इसका असर जल्द ही छात्र-छात्राओं के साथ दिखनेवाला है. कागज देर से आयेगा और परीक्षा आयोजन में विलंब हो जायेगा. इससे रिजल्ट प्रकाशन में देर हो जायेगी. आखिरकार विश्वविद्यालय का सत्र अनियमित हो जायेगा, जिसे काफी मेहनत कर वर्षों बाद नियमित किया गया था. ———————– स्नातक के 70 हजार छात्रों का होना है परीक्षा – विवि के अधिकारी ने कहा कि स्नातक सत्र 2021-24 के तहत पार्ट थ्री परीक्षा में 35 हजार छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल होंगे. जबकि सत्र 2022-25 पार्ट टू परीक्षा में करीब 35 हजार विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होंगे. इसके अलावा वोकेशनल कोर्स की भी परीक्षा होनी है. बताया जा रहा है कि सभी परीक्षा को लेकर करीब पांच लाख कॉपी की आवश्यकता होगी. इसके लिए जैम पोर्टल से कागज की खरीदारी करने के लिए फाइल बढ़ायी है. लेकिन फाइल पर आगे की प्रक्रिया नहीं हो पा रही है. ——————————— बाेलें विवि के अधिकारी – कागज को लेकर फाइल रजिस्ट्रार कार्यालय में बढ़ायी गयी – परीक्षा नियंत्रक विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ आनंद कुमार झा ने कहा कि आगामी परीक्षा को लेकर कागज खरीदारी के लिए फाइल रजिस्ट्रार के यहां बढ़ायी गयी है. ताकि जैम पोर्टल से कागज की खरीदारी की जा सके. लेकिन फाइल अटका है. रजिस्ट्रार कार्यालय से सक्रियता नहीं होने पर समय से कागज की खरीदारी नहीं होगी, तो विवि सत्र नियमित होने के बाद भी लेट हो जायेगा. ऐसे में परीक्षा विभाग को जिम्मेवार ठहराया जायेगा. जबकि फाइल में आगामी परीक्षा को लेकर सारा कुछ स्पष्ट रूप से अवगत कराया दिया गया है. ——————————————- फाइल में सही ढंग से नहीं दी गयी जानकारी – रजिस्ट्रार विवि के रजिस्ट्रार डॉ विकास चंद्र ने कहा कि प्रश्न पत्र छपाई करानेवाली एजेंसी के बकाया भुगतान को लेकर बढ़ायी गयी फाइल में सही ढंग से जानकारी नहीं दी गयी हैं. परीक्षा नियंत्रक ने फाइल में आधा-अधूरा व भ्रामक सूचना दी है. फाइल में स्टाक इंट्री नहीं है. एजेंसी से एग्रीमेंट पेपर नहीं दिया गया है. बिल का एप्रूव नहीं किया गया है. ऐसे में फाइल प्रकार की त्रुटि सामने आ रही है. उन्होंने बताया कि लोकल स्तर से कागज की खरीदारी के फाइल पर काम किया गया है.कुछ अधिकारी बाहर है. उनके मुख्यालय आते ही कागज के लिए कोटेशन खोला जायेगा.
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