जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी ने जिले के सभी कार्यालयों के निरीक्षण प्रतिवेदन की मंगलवार को समीक्षा की. राजस्व शाखा के प्रतिवेदन को गंभीरता से लेते हुए जिन कर्मचारियों द्वारा सही से पंजियों का संधारण नहीं किया गया है, उनके विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश अपर समाहर्ता को दिया. दाखिल-खारिज के मामले और आयुक्त कार्यालय द्वारा प्रेषित जांच के अधिकतर मामले लंबित पाये गये. अभिलेखागार का निरीक्षण प्रतिवेदन में जनवरी से जून तक के आवेदन लंबित पाये गये. जिलाधिकारी ने कहा कि वैसे कर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जाये, जिन्होंने अकारण मामले को लंबित रखा है.
विकास शाखा के 142 मामले लंबित पाये गये. बताया गया कि नगर निगम, पीएचइडी, बैंकिंग व वरीय पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्तर से अधिकतर मामले लंबित हैं. सेरोगेसी एक्ट के तहत 24 मामले लंबित हैं. जिलाधिकारी ने सभी संबंधित बैंक के साथ उन ग्राहकों को बुलाकर ग्राहकों से बकाया किस्त की राशि जमा करवाने को प्रभारी पदाधिकारी से कहा. पंचायत शाखा में अधिकतर मामले उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं मिलने से संबंधित थे. जिलाधिकारी ने संबंधित शाखाओं से उपयोगिता प्रमाणपत्र प्राप्त करने का निर्देश जिला पंचायती राज पदाधिकारी को दिया. उन्होंने कहा कि रोकड़ पंजी अद्यतन करवा लें. जिला स्थापना शाखा में 22 मामले लंबित पाये गये. जिलाधिकारी ने एक सप्ताह के अंदर मामले का निष्पादन करने का निर्देश दिया. सामान्य शाखा के प्रभारी पदाधिकारी को ओडी पंजी के लंबित 79 मामले का शीघ्र निष्पादन करवाने का निर्देश दिया. बैठक में नीलामपत्र वाद, ग्रामीण विकास, आवास निर्माण, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, मनरेगा, जिला नजारत के निरीक्षण प्रतिवेदन की समीक्षा की गयी. उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी पदाधिकारियों को अपने स्तर से कार्यालय के लंबित पत्रों का निष्पादन करने का निर्देश दिया. बैठक में नगर आयुक्त, उपविकास आयुक्त व सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.
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