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लोक कल्याणकारी व्यवस्था की स्थापना की कोशिश है क्रांति

शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर जिले के विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग संगठनों की ओर से विविध आयोजन हुए. जगह-जगह पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी. सभा का भी आयोजन हुआ.

शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर जिले के विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग संगठनों की ओर से विविध आयोजन हुए. जगह-जगह पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी. सभा का भी आयोजन हुआ.

पीस सेंटर परिधि की ओर से कला केंद्र भागलपुर में उज्जवल कुमार घोष की अध्यक्षता में सभा का आयोजन हुआ. संचालन करते हुए राहुल ने कहा कि भगत सिंह को क्रांतिकारी कहा जाता है. क्रांतिकारी होने का अर्थ गोला, बारूद से हिंसा करना नहीं है, बल्कि समाज की घिसी-पिटी पुरानी व्यवस्था को उखाड़ कर नयी और लोक कल्याणकारी व्यवस्था स्थापित करने की कोशिश है. इसीलिए भगत सिंह ने कहा था- पिस्तौल और बम इंकलाब नहीं लाते, क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है. इन्होंने देश की आजादी के लिए अपने को कुर्बान कर दिया. वे स्वतंत्र भारत को एक समाजवादी देश बनाना चाहते थे.उज्जवल कुमार घोष ने कहा कि आज की पीढ़ी भगत सिंह को एक हिंसक क्रांतिकारी के तौर पर देखी है, जबकि भगत सिंह हमेशा विचारों को महत्व देते थे.फांसी के तख्त पर पहुंचने के पहले तक वे किताबें पढ़ते रहे. कार्यक्रम में सार्थक भरत, मनोज कुमार, सुजाता, प्रियंका सिंह, मनोज कुमार, शालिनी चौधरी, सुप्रिया, ऋचा आनंद, संजना दत्ता, मो सहबाज, भाव्या, मुकेश कुमार सिंह, अमित कुमार, सुरैया सिद्दीकी आदि उपस्थित थे.

स्वाभिमान व दृष्टि ने किया समारोह

स्वाभिमान ने शिक्षण संस्थान, मंदरोजा में समारोह किया. संस्थापक जगतराम साह कर्णपुरी ने अध्यक्षता की. रंजन कुमार राय, संतोष कुमार ठाकुर, ओम प्रकाश, अजय शंकर प्रसाद, राजीव रंजन, प्रेम कुमार सिंह और राजेश झा उपस्थित थे. दृष्टि विहार ने भगत सिंह की जयंती पर माल्यार्पण कार्यक्रम किया. उनके संदेशों को आत्मसात करते हुए समाजसेवा में भागीदारी निभायी और बाढ़ पीड़ितों को मच्छर से बचाव को लेकर अगरबत्ती का वितरण किया. इस मौके पर सचिव दिलीप कुमार सिंह, अशोक, विजय, बबलू, अखिलेश आदि उपस्थित थे.

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जनप्रिया ने किया पुष्पांजलि कार्यक्रम

जनप्रिया भागलपुर ने परबत्ती स्थित कार्यालय में पुष्पांजलि कार्यक्रम किया. निदेशक गौतम कुमार ने कहा शहीद भगत सिंह भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के युवा क्रांतिकारी थे. छोटी सी उम्र में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव को हिला दिया. शहीद भगत सिंह का देश के प्रति समर्पण को उनके द्वारा लिखे गए यह शब्द मेरी कलम भी वाकिफ है, इस कदर मेरे जज्बातों से मैं अगर इश्क भी लिखूं तो इंकलाब लिखा जाता है….पाठ कर प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में इकराम हुसैन शाद और रेखा देवी, पूजा कुमारी, साक्षी कुमारी, रेखा कुमारी, बाबूलाल कुमार, खुशी कुमारी, प्रीति कुमारी, रागिनी कुमारी, सोनाक्षी कुमारी आदि उपस्थित थे.

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