ललित किशोर मिश्र, भागलपुर
पथ परिवहन निगम भागलपुर बस स्टैंड सरकार के लिए राजस्व अर्जित करता है. यहीं से मुंगेर व जमुई बस डिपो भी संचालित होता है. लेकिन बस डिपो में यात्रियों के लिए मुकम्मल सुविधा नहीं है. न बैठने के लिए जगह है और न ही पीने के पानी. निगम को आगे बढ़ाने के लिए कई योजना बनायी गयी लेकिन अधिकांश फाइल में रह गयी. कुछ योजनाएं शुरुआत के कुछ महीनों में दम तोड़ गयी.
भागलपुर से पटना, रांची-देवघर बस सेवा
पथ परिवहन निगम भागलपुर 25 साल पुरानी रांची-देवघर बस सेवा शुरू की. यह सेवा लगभग एक साल पहले शुरू की गयी थी. कुछ दिन तक यह सेवा जारी भी रही. मगर घाटे की वजह से इसे बंद कर दिया गया. बताया गया कि दोनों जगहों पर चलने वाली बसों को यात्री नहीं मिल रहे थे. रांची के लिए चलने वाली बस से तेल की कीमत भी नहीं निकल पा रही थी और देवघर चलने वाली बस रत्ती भर भी मुनाफा नहीं मिल रहा था.
जिस वजह से दोनों सेवाओं को बंद कर देना पड़ा. हालांकि, दोनों जगह चलने वाली बस बगैर एसी की थी. सीट भी खराब थी. यात्री नहीं मिलने का एक बड़ा कारण इसे भी माना जा रहा है. भागलपुर-पटना बस सेवा भी कुछ दिन तक चली, लेकिन घाटा में चलने के कारण इस सेवा को भी बंद कर दिया गया.
सिटी बस सेवा भी नहीं हो पाया चालू
पथ परिवहन निगम की ओर से भागलपुर में सिटी बस सेवा चालू करने को लेकर कई सालों से योजना बनती रही. स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से यह सेवा शुरू करने के लिए पथ परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक पवन कुमार शांडिल्य ने निगम के तत्कालीन नगर आयुक्त को पत्र भी लिखा था. लेकिन सिटी बस सेवा चलाने के लिए कोई पहल नहीं की गयी. यह बस सेवा भागलपुर से नवगछिया, नाथनगर, सुल्तानगंज से लेकर कहलगांव तक चलाने की थी.
निगम को टर्मिनल बनाने की थी योजना, सपना ही रह गया
पथ परिवहन निगम परिसर में 12 साल पहले टर्मिनल बनाने की योजना थी. जिसमें बस स्टैंड से लेकर, बसों के रख-रखाव, परिसर के सौंदर्यीकरण की योजना के साथ परिसर में बड़े-बड़े दुकान खोलने की योजना थी. लेकिन योजना पर कुछ नहीं हुआ. उसके कुछ साल बाद परिसर के सौंदर्यीकरण का प्लान बना, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ. आज परिसर में जो भवन है जिसमें निगम का कार्यालय चलता है वह काफी जर्जर है. बारिश में छत से बारिश के पानी से फाइल बचाने की जद्दोजहद होती है.–
विद्युत चलित चार्जिंग सब स्टेशन के लिए 1.80 करोड़ का स्टीमेट तैयार, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में
भागलपुर पथ परिवहन निगम परिसर से विद्युत चलित बसें चलाने की योजना बनी थी. निगम को पीएम ई-बस योजना के तहत पचास बसें मिलनी है. इसके लिए परिसर में 24 केवीए का बिजली सब स्टेशन बनाने की योजना बनी. इसके लिए पथ परिवहन निगम व बिजली विभाग के बीच करार भी हो गया था. सब स्टेशन के निर्माण के लिए लगभग एक करोड़, 80 लाख रुपये का स्टीमेट भी तैयार किया गया. लेकिन मामला अभी भी ठंडे बस्ते में है.