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बैंक की नौकरी छोड़ देश को साक्षर बनाने निकले हैं केरल के रोटेरियन बीजू बीपी

केरल रोटरी क्लब के सदस्य बीजू बीपी ने देश को केरल की तरह साक्षर बनाने के लिए बैंक की नौकरी छोड़ दी. एक जनवरी को कन्याकुमारी से बाइक यात्रा शुरू की और 165 दिनों में भागलपुर पहुंचे.

By Prabhat Khabar News Desk | June 13, 2024 9:42 PM

केरल रोटरी क्लब के सदस्य बीजू बीपी ने देश को केरल की तरह साक्षर बनाने के लिए बैंक की नौकरी छोड़ दी. एक जनवरी को कन्याकुमारी से बाइक यात्रा शुरू की और 165 दिनों में भागलपुर पहुंचे. इस क्रम में उन्होंने 24 हजार छात्र-छात्राओं से संपर्क किया.प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि 800 दिनों में देश भ्रमण का लक्ष्य है. इस दौरान दो थीम पर काम करना है. एक बालिका सशक्तीकरण और दूसरा साक्षरता मिशन का. इसमें इच वन, टीच वन पर काम हो रहा है. अब तक 115 संस्थानों से संपर्क किया और साक्षरता के प्रति समाज के लोगों को जागरूक करने की अपील की. उन्होंने बताया कि वे एक्सिस बैंक में बड़े ओहदे पर थे. नौकरी के दौरान बड़ी संख्या में अंगूठा लगाने वाले लोगों को देखकर वह चिंतित हो जाते थे. तब नौकरी छोड़कर इस अभियान में जुट गये. त्रिवनंतपुरम स्थित घर से इस यात्रा पर निकल पड़े. रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन के तहत संगठित होकर काम कर रहे हैं. बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम एक बालिका को शिक्षित करने की जवाबदेही लेनी चाहिए उन्होंने लिटरेसी मिशन के अंतर्गत 60 दिवसीय लिटरेसी प्रोगाम का भी लक्ष्य बताया.

मिडिया प्रभारी डॉ नीरज गुप्ता ने बताया कि इनकी यात्रा 800 दिनों की है. उनका 1500 स्कूल विजिट और 50000 किलोमीटर की यात्रा और 19000 किलोमीटर सड़क यात्रा प्रस्तावित है. गुरुवार को भागलपुर में लायंस क्लब समेत अन्य संस्थान के पदाधिकारी की मदद से टैली एकेडमी ने बीजू बीपी का भव्य स्वागत किया. यहां 40 बच्चों को साक्षरता के प्रति प्रेरित किया. लायंस जिला पाल विनोद अग्रवाल तथा पंकज टंडन का विशेष योगदान रहा. रोटरी क्लब ऑफ भागलपुर के अध्यक्ष डॉ अमिताभ सिंह, सचिव डॉ शंकर, विकास झुनझुनवाला, रामकृष्ण झा, सत्यजीत सहाय, राजकुमार, चंदना चौधरी, विजया चौधरी आदि ने भी स्वागत किया. आगे उन्हें मदद करने की बात कही.बीजू बीपी ने कहा कि 2027 में देश 80वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जायेगा. 80 प्रतिशत लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. 50 लाख लोग अनपढ़ हैं. तीन वर्षों में 50 लाख लोगों को साक्षर बनाना बड़ी चुनौती होगी.

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