मोटे अनाज की पैदावार बढ़ाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाएं : जिलाधिकारी

खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिलाधिकारी डा नवल किशोर चौधरी ने मोटे अनाज की पैदावार बढ़ाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने का निर्देश दिया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | May 28, 2024 9:43 PM

खरीफ महाभियान-2024 : जिलास्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

वरीय संवाददाता, भागलपुर

खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिलाधिकारी डा नवल किशोर चौधरी ने मोटे अनाज की पैदावार बढ़ाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने का निर्देश दिया गया. मोटे अनाज में पाये जाने वाले विशेष गुणों की चर्चा की और उसके सेवन से होने वाले चिकित्सकीय लाभ संबंधी विस्तृत जानकारी दी. डीएम तिलकामांझी में संयुक्त कृषि भवन परिसर में मंगलवार को आयोजित खरीफ महाभियान-2024 जिलास्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में पहुंचे थे. कार्यक्रम का उद्घाटन जिला पदाधिकारी, पौधा संरक्षण के संयुक्त निदेशक डॉ० प्रमोद कुमार, संयुक्त निदेशक (शष्य) शैलेष कुमा व जिला कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार यादव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यक्रम का संचालन आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने किया. जिला पदाधिकारी ने कार्यक्रम में उपस्थित पदाधिकारियों, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार एवं नवाचार किसानों को संबोधित किया.

कार्यक्रम में उपस्थित नोडल पदाधिकारी के रुप में नामित पौधा संरक्षण के संयुक्त निदेशक डॉ प्रमोद कुमार ने खरीफ महाभियान के उद्देश्य से अवगत कराया गया. साथ ही मौसम में हो रहे परिवर्तन को देखते हुए खेती की लागत को घटाकर किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कम पानी एवं कम उरर्वक के उपयोग से उगाई जाने वाली फसलों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रेरित किया और सुझाव दिया गया. रासायनिक उर्वरक का प्रयोग कम कर बैंचा की खेती करने व पौधा संरक्षण की योजनाओं के प्रचार-प्रसार करते हुए किसानों तक जानकारी पहुंचाने के लिए किसान सलाहकार एवं कृषि समन्वयक को निर्देशित किया गया. जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि हर साल कर्मशाला में फसलों के बेहतर उत्पादन व नयी तकनीक पर जोर देते हैं लेकिन, इस वर्ष मौसम परिवर्तन अनुसार खेती पर जोर दिया जाना है. कम पानी की खपत करने वाली फसल जैसे मोआ अनाज, मक्का आदि को बढ़ावा दिया जायेगा. जिले में विभिन्न फसलों के उत्पादन के लिए तैयार किए गए क्लस्टर, फसलवार अनुदान एवं लक्ष्य, कृषि यंत्र के विषय में विस्तृत जानकारी दी. उद्यान के सहायक निदेशक अभय कुमार मंडल ने शुष्क बागवानी अंतर्गत नींबू की खेती, एप्पल बेर, आंवला, अमरूद आदि उद्यानिक फसलों के लिए चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं में अनुदान संबंधी विस्तृत जानकारी दी गयी. आम की खेती, फूल (गेंदा) की खेती, लेनो बैग, मशरूम उत्पादन यूनिट एवं प्रोसेसिंग यूनिट पर दिए जाने वाले अनुदान संबंधी चर्चा की.

डीडीएम नाबार्ड चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि किसानों की उन्नती, कृषि एवं संबंद्ध क्षेत्र में समेकित कृषि अपनाकर ही संभव है. किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मिलना चाहिए. एफपीओ के लिए पैक्स के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है. जिला सहकारिता पदाधिकारी मो अमजद हैयत ने कहा कि किसानों के लिए बहुत सी को-ऑपरेटिव सोसाइटी का गठन भागलपुर जिले में हुआ है, जिसमें से पैक्स का गठन किसानों के हित के लिए है. बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डा अमरेंद्र कुमार ने विकसित धान की विभिन्न किस्मों और उनकी उत्पादन क्षमता व फसल के संपूर्ण कार्यकाल की विस्तृत जानकारी दी. कार्यक्रम में पौधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक सुजीत कुमार पाल, भूमि संरक्षण के सहायक निदेशक दीप रश्मि, मिट्टी जांच प्रयोगशाला के सहायक निदेशक (रसायन) केशव गुप्ता, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी अरविन्द कुमार, राजेश कुमार, नीतिश कुमार, कृषि वैज्ञानिक के साथ सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, किसान सलाहकार, नवाचार किसान, आत्मा के लेखापाल एवं कार्यपालक सहायक सहित सैकड़ों प्रतिभागी थे.

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