Bhagalpur News : बिना कृषि के ग्रामीण विकास की बात संभव नहीं
बीएयू में कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना : स्वतंत्रता से अमृत काल तक ग्रामीण विकास की यात्रा विषय पर चल रहे दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुक्रवार को समापन हो गया.
बीएयू में कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना : स्वतंत्रता से अमृत काल तक ग्रामीण विकास की यात्रा विषय पर चल रहे दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुक्रवार को समापन हो गया. इसमें चार देशों व देश के 10 राज्यों और छह विश्वविद्यालयों के शिक्षक, स्टूडेंट्स, उद्यमी और किसान शामिल हुए. संगोष्ठी को आठ विषयों में विभाजित किया गया था, जिनमें 18 लीड पेपर, 100 मौखिक व पोस्टर प्रस्तुत दिये गये. अध्यक्षता कर रहे डॉ एके साह ने गांवों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनने पर जोर दिया और बताया कि गांवों को समृद्ध और संपन्न बनाकर ही ग्रामीण क्षेत्रों का विकास कर सकते हैं. बिना कृषि के ग्रामीण विकास की बात संभव नहीं है.
यूएसए के मिसिसिपी स्टेट यूनिवर्सिटी के डॉ प्रकाश झा ने अच्छे लीड पेपर को अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रों में प्रकाशित करने की बात कही. वहीं, बेहतर प्रस्तुतीकरण के लिए प्रतिभागियों को प्रत्येक विषय में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिया गया. प्राकृतिक संसाधन संरक्षण के विषय पर डॉ सचिन तथा खाद्य प्रसंस्करण के लिए डॉ प्रेम प्रकाश को प्रथम पुरस्कार दिया गया. संगोष्ठी से प्राप्त सुझावों को बिहार सरकार व भारत सरकार को संस्तुति के लिए भेजा जायेगा. वहीं, ई केएस रमण, डॉ अंशुमन कोहली, डॉ आरबी वर्मा, डॉ संगीता श्री, डॉ शंभू प्रसाद, डॉ अनीता कुमारी, डॉ आरडी रंजन, डॉ अनिल पासवान, डॉ परमवीर सिंह सहित अन्य को कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आयोजक समिति के सदस्यों को प्रशंसा पत्र दिया गया. कार्यक्रम में कार्यक्रम में बीएयू के कुलपति डॉ डीआर सिंह, डॉ जेएन श्रीवास्तव, राजेश कुमार, डॉ एमके बाधवानी, डॉ प्रीति प्रियदर्शनी, डॉ अविनाश कुमार,
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