नगर परिषद सुलतानगंज के सफाइकर्मियों की हड़ताल फिर सात दिन बाद हो गयी. मांगें नहीं माने जाने पर गुरुवार से पुन: एनजीओ के सफाइकर्मियों ने हड़ताल कर दी. जिससे कचरा उठाव ठप हो गया. मांग नहीं माने जाने पर सफाइकर्मी आक्रोशित हैं. हड़ताली कर्मियों ने बताया कि एजेंसी समुचित समाधान नहीं कर रही है. सफाई कर्मियों की हड़ताल से पूरे शहर में गंदगी का अंबार फैल गया है. शहर के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है.
बताते चलें कि छह दिन के बाद विगत 21 नवंबर को हड़ताल से सफाइकर्मी वापस हुए थे लेकिन मांग नहीं माने से फिर हड़ताल के कारण शहर में कचरा उठाव बंद हो गया. लापरवाही व एजेंसी की मनमानी के कारण सफाइकर्मियों की कोई भी मांग नहीं मानी जा रही है.
25 नवंबर तक भुगतान का दिया गया था आश्वासन
नगर परिषद के मुख्य पार्षद राजकुमार गुड्डू ने बताया कि सफाई व्यवस्था लचर है. आज के पूर्व भी छह दिन सफाइकर्मियों ने हड़ताल की थी लेकिन उनकी मांगों के अनुरूप भुगतान 25 नवंबर तक नहीं किया गया. जिसके कारण फिर से कर्मी हड़ताल पर चले गये हैं. कार्यरत सफाई एजेंसी को कार्यालय स्तर पर कई बार चेतावनी दी गयी है. बावजूद कोई सुधार नहीं किया गया है. सफाइ कर्मियों का पीएफ भी बीते बोर्ड के तहत बकाया है. मासिक भुगतान समय पर होने का आश्वासन के बाद भी नहीं किया जाना गैर जिम्मेदाराना है. शीघ्र ही नयी सफाई व्यवस्था बहाल की जायेगी.75 दुकान में छापमारी, तीन हजार से अधिक की वसूली
सुलतानगंज शहर में सिंगल यूज प्लास्टिक के विरुद्ध 75 दुकानों में गुरुवार को छापामारी अभियान चलाया गया. सड़क किनारे पीली पट्टी के बाहर अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों को सख्त हिदायत दी गयी. छापेमारी टीम का नेतृत्व नगर परिषद के नगर प्रबंधक रविश कुमार वर्मा व स्वच्छता पदाधिकारी अमित कुमार भगत ने किया. स्वच्छता पदाधिकारी ने बताया कि 75 दुकानों में छापेमारी में 3200 रुपये का जुर्माना व 450 ग्राम प्लास्टिक बरामद हुआ. मौके पर नप के टैक्स दारोगा गोपाल झा, तहसीलदार मनोज कुमार व राजीव भारती मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है