सफदर ने साबित किया है, तूफान खड़ा कर सकता है नुक्कड़ नाटक : चंद्रेश
सफदर हाशमी को कम जिंदगी मिली, लेकिन जनहित में उनका सपना बड़ा था. एक नुक्कड़ नाटक तूफान खड़ा कर सकता है, सफदर ने यह साबित कर दिया.
सफदर हाशमी को कम जिंदगी मिली, लेकिन जनहित में उनका सपना बड़ा था. एक नुक्कड़ नाटक तूफान खड़ा कर सकता है, सफदर ने यह साबित कर दिया. अभिनय के दौरान जानलेवा हमला पहली और अकेली घटना है. सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़ाई करके संस्कृतिकर्म को बढ़ावा देने वाले थोड़े कम लोगों में शामिल हुए. बड़ी नौकरी छोड़कर नुक्कड़ नाटक के जरिेये आमलोगों को जागरूक करने का काम किया. उक्त बातें दिशा जन सांस्कृतिक मंच के संयोजक प्रो चंद्रेश ने कही. दिशा, आलय व संबंध के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को आदमपुर घाट रोड स्थित दिशा के संयोजक प्रो चंद्रेश के आवासीय परिसर में नाट्य व जन आंदोलन के प्रणेता सह संस्कृतिकर्मी सफदर हाशमी के शहादत दिवस पर विविध कार्यक्रम हुए. जनगीत, काव्य पाठ व विचार चर्चा हुई. प्रो चंद्रेश ने बताया इस वर्ष सफदर हाशमी की शहादत के 35 वर्ष पूरे हो रहे हैं. देश में संस्कृतिकर्म का दायरा लगातार सिकुड़ता जा रहा है. लोग आत्मकेंद्रित होते जा रहे हैं. इसलिए ऐसे माहौल में जन संस्कृति के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध लोगों के समक्ष चुनौतियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. दशरथ प्रसाद, रंजन व रघुनंदन प्रसाद ने सफदर के स्वरचित गीत पढ़ना-लिखना सीखो, ओ मेहनत करने वालों…गाकर सफदर हाशमी को याद किया. आलय के डॉ चैतन्य प्रकाश ने कहा कि बार-बार सफदर की हत्या नहीं हो, उम्मीद की लौ जलती रहे. संबंध के रितेश रंजन ने कहा कि सफदर हाशमी आम जनता के कलाकार थे. इप्टा के संजीव कुमार दीपू ने कहा कि सफदर व्यक्ति नहीं, बल्कि विचार हैं. संकल्प लेते हैं कि फिर से भागलपुर में सफदर को जिंदा करेंगे. एकता नाट्य मंच के राजेश झा ने कहा कि 2026 में स्टेशन परिसर में फिर से बड़े पैमाने पर कार्यक्रम करेंगे. अतिथियों का स्वागत डॉ नीरा पांडेय ने किया. इप्टा के विनय यादव भी कार्यक्रम में शामिल थे. ———— साहित्य सफर ने भी दी श्रद्धांजलि साहित्य सफर की ओर से शिक्षण संस्थान मंदरोजा में सफदर हाशमी के शहादत दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ. अध्यक्षता संस्था के संस्थापक जगतराम साह कर्णपुरी ने की. रंजन कुमार राय ने कहा कि सफदर हाशमी एक प्रगतिशील विचारधारा के प्रमुख नाटककार थे. वे जन नाट्य मंच और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के संस्थापक सदस्य थे. मुख्य अतिथि संतोष ठाकुर अनमोल थे. जगतराम साह कर्णपुरी ने कहा कि सफदर हाशमी रंगकर्मी के साथ-साथ अंग्रेजी के उच्च कोटि के अध्यापक थे. गढ़वाल, कश्मीर और दिल्ली विश्वविद्यालय में उन्होंने अपनी सेवा दी. नुक्कड़ नाटक के माध्यम से महिलाओं, मजदूरों और किसानों के हक के लिए संघर्ष किया. इस मौके पर शिवम कुमार, राजीव रंजन, राजेश कुमार, हिमांशु शेखर , प्रेम कुमार प्रिय, गोपाल, अजय शंकर प्रसाद आदि उपस्थित थे.
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