अंकित आनंद, भागलपुर: रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगों के एक गिरोह ने जिले के कई बेरोजगारों से लाखों रुपये ठग लिये. मामले का खुलासा तब हुआ जब ठगों के शिकार दो युवकों ने उनके द्वारा दिये गये नियुक्ति पत्र को सीधे रेल बोर्ड को मेल कर दिया और पूछा कि क्या वह पत्र सही है. पत्र के जवाब में बोर्ड ने इसे फरजीगीरी करार देते हुए जांच की बात कही है.
ठगों ने कई विद्यार्थियों से लाखों रुपये ले लिये. कई के परिजनों ने कर्ज लेकर उसे दिया है. अब जब पीड़ित अपने पैसे लौटाने की बात कह रहे तो ठग उन्हें मार डालने की धमकी दे रहे हैं. हालत यह है कि रेलवे में नियुक्ति पत्र पा चुके एक युवक की शादी उसी पत्र के आधार पर तय हो गयी है. फरजीगीरी में फंसे छात्र व उनके परिजन इस मामले में चुप हैं कि कहीं उनके बच्चों पर ठगों व कानून का कहर न टूट पड़े.
ठगों के गिरोह ने सबसे पहले अपने बीच के एक युवक को पीड़ित छात्रों के होस्टल में रखवाया. वहां पर उस लड़के ने सबके बीच अपने अच्छी पकड़ बनायी. कुछ दिन बाद उसने वहां बताया कि रेलवे में नौकरी की वेकेंसी निकली है और वह उसमें अप्लाई कर रहा है. उसने यह भी बताया कि उसके कुछ परिचित हैं जो नौकरी दिलाने में मदद कर सकते हैं. इस पर सभी छात्रों ने उसके सामने खुद भी फॉर्म भरने की इच्छा जतायी. छात्रों ने उससे कहा कि वो कोई फरजी तरीका नहीं बस चाहते हैं कि उनकी कुछ मदद हो जाये और वो अपनी मेहनत से नौकरी पा लें. इस पर उसने सबके लिए फॉर्म की व्यवस्था कर दी. फॉर्म भरने के बाद उसने बताया कि उसका इंटरव्यू है और रेलवे के बड़े अधिकारी लेंगे. इसके बाद उसने रेलवे में खुद के मेडिकल टेस्ट होने से संबंधित पत्र भी उन्हें दिखाया. इसके कुछ दिन बाद वह रेलवे की ड्रेस में उनके बीच पहुंच गया. इस पर पीड़ित छात्रों ने उससे खुद को भी नौकरी दिलाने की बात कही. उसने पैसे की व्यवस्था करनेे की बात कही.
Also Read: Bihar School Reopen: बिहार में 1 मार्च से खुलेंगे कक्षा 1 से 5 तक के सभी स्कूल, जानें कितने बच्चों को क्लास में बैठने की मिलेगी अनुमति
सबसे पैसे लेने के बाद ठगों के गिरोह ने सबको फरजी फोन कॉल करा कर किसी से बात कराया. वो बताते रहे कि बात करनेवाले रेलवे के अधिकारी हैं. फिर ट्रेनिंग से संबंधित पत्र भी कुछ को दिलाया. पत्र लेकर जब पीड़ित छात्र ट्रेनिंग सेंटर गये तो वहां पर लोगों ने उन्हें ऐसी किसी ट्रेनिंग के होने से इनकार कर वापस कर दिया. इस पर उन लोगों ने जब ठगों से बात की तो उन लोगों ने कहा कि ट्रेनिंग बाद में होगी क्योंकि कोरोना को लेकर ट्रेनिंग सेंटर को कोविड सेंटर बना दिया गया है. इस दौरान उन लोगों ने पीड़ितों को रेलवे का फरजी बैच, ड्रेस और अन्य सामान भी उपलब्ध कराया.
पीड़ितों के अनुसार ठगों ने उन्हें दोबारा ट्रेनिंग से संबंधित एक पत्र दिया गया. ट्रेनिंग से कुछ दिन पहले पैसे देने वाले छात्रों को एक महिला का फोन आया. उसने लेटर में दी गयी तिथि के बजाय कुछ दिन पहले ही ट्रेनिंग के लिए पहुंचने की बात कही. उक्त तिथि पर ठग पैसे देने वाले सभी छात्रों को लेकर अपने साथ कोलकाता गया. वहां एक फरजी सरकारी दफ्तर में उनका निबंधन कराया. फिर वापस ले आया. बात में जब भी पीड़ित उससे नौकरी या पैसे के संबंध में पूछते हैं वह उन्हें मारपीट कर उन्हें भगा देता है.
पीड़ितों ने ठगों द्वारा दिये गये दस्तावेज, ट्रेनिंग लेटर, ज्वाइनिंग लेट, फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट यहां तक की बैच और यूनिफॉर्म भी दिखाया.
‘अगर इस तरह के मामले भागलपुर में हुए हैं तो शिकायतकर्ता बेझिझक मुझसे मिलकर इसकी शिकायत कर सकते हैं, मामला संज्ञान में आया है इस तरह के लोगों को चिन्हित कर उनपर नजर रखी जायेगी.’
– सुजीत कुमार, रेंज डीआइजी, भागलपुर.
Posted By: Thakur Shaktilochan