नौ सूत्री मांग सहित छह माह को बकाया मानदेय भुगतान को लेकर बुधवार को बिहार विद्यालय रात्रि प्रहरी संघ के कर्मचारियों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल सह धरना-प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने मांगों को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया. इसमें भागलपुर के अलावा पीरपैंती, सुल्तानगंज, सन्हौला, कहलगांव सहित जिले भर के कर्मचारी ने धरना कार्यक्रम में शामिल हुए. संघ के जिलाध्यक्ष जितेन्द्र कुमार ने बताया कि मार्च से अबतक उनलोगों को मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. ऐसे उनके परिवार के सामने भुखमरी की स्थिति आ गयी है. उनका परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया है. कमर्चारी 2020 से ही विभिन्न स्कूलों में कार्यरत हैं. वे लोग अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर धरना पर बैठे हैं. इसमें रात्रि प्रहरी कर्मियों के खाते में सीएफएमएस के माध्यम से अविलंब उनके मानदेय भुगतान किया जाये. रात्रि प्रहरी कर्मियों का पद सृजित हो. योग्यता के आधार पर परिचारी व निम्नवर्गीय लिपिक में समायोजन किया जाये. रात्रि प्रहरी को श्रम कानून के नियमानुसार न्यूनतम मजदूरी व सीएफएमएस से ससमय मानदेय भुगतान किया जाये. सुरक्षा किट उपलब्ध कराये जाने व रात्रि प्रहरी कर्मचारी नियमावली में संशोधन हो. रात्रि प्रहरी को 60 वर्ष के लिए नियमित एवं सेवा पुस्तिका संधारित करने की मांग की है. साथ ही कर्मचारियों के पांच हजार मानदेय में वृद्धि कर 18 हजार किया जाये. उधर, शिक्षा विभाग के अधिकारी से मिलकर ज्ञापन भी सौंपा. मौके पर संघ के सचिव नीरज कुमार सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी आदि मौजूद थे. ———————— बीसीए की प्रायोगिक परीक्षा में परीक्षक दूसरे विषय से नियुक्त यूडीसीए के फैकल्टी डॉ शिव शंकर प्रसाद ने कहा कि टीएनबी कॉलेज, मारवाड़ी कॉलेज व एसएम कॉलेज में बीसीए की प्रायोगिक परीक्षा चल रही है. लेकिन प्रायोगिक परीक्षा में दूसरे विषय के शिक्षक को नियुक्त किये जाने का आरोप लगाया है. इसे लेकर बुधवार को उन्होंने परीक्षा नियंत्रक को लिखित शिकायत किया है. उन्होंने दिये आवेदन में कहा कि विवि के अधिकारी द्वारा बीसीए परीक्षा का प्रश्न पत्र सेटर, प्रायोगिक परीक्षा का परीक्षक का जो पैनल बनाया गया है. उसमें अधिकतर परीक्षक दूसरे विषय के शिक्षक है. उधर, परीक्षा नियंत्रक ने मामले में देखने की बात कही है.
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