विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग बिहार सरकार की दो सदस्यीय विशेषज्ञ टीम ने बुधवार को भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज (बीसीइ) में पहुंचकर यहां के संसाधनों की पड़ताल की. टीम के सदस्यों ने कॉलेज के मैन पावर व इक्विपमेंट का जायजा लिया. वहीं विभाग के सचिव लोकेश कुमार गुरुवार को भागलपुर पॉलिटेक्निक कॉलेज भी निरीक्षण के लिए पहुंचे और कई निर्देश दिये. भागलपुर के डीएम सुब्रत सेन इस दौरान साथ रहे.
बुधवार को इंजीनियरिंग कॉलेज गयी टीम में शामिल टेक्निकल एजुकेशन एक्सपर्ट डॉ. एके दत्ता व विभाग के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट एक्सपर्ट पीके राव ने कॉलेज सभी लैब, लाइब्रेरी, क्लास रूम का भ्रमण किया. वहीं शिक्षकों की संख्या, हॉस्टल समेत अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर की पड़ताल की. पीके राव ने बताया कि केंद्र सरकार की नेशनल ब्यूरो ऑफ एक्रेडिटेशन (एनबीए) के मूल्यांकन के लिए जरूरी मानकों के हिसाब से बीसीइ को विकसित की जायेगी.
बताया कि इस वर्ष एनबीए ने बीसीइ का निरीक्षण किया था. लेकिन संसाधनों के मूल्यांकन के बाद एक्रेडिटेशन या मान्यता नहीं मिल पायी थी. विशेषज्ञ टीम के साथ निरीक्षण के दौरान कॉलेज की प्राचार्या डॉ पुष्पलता समेत सभी विभाग के एचओडी व अन्य शिक्षक मौजूद थे. प्राचार्या ने बताया कि बीसीइ को मानक के अनुसार विकसित करने के लिए राज्य सरकार निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर संसाधनों का विकास करेगी.
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केंद्र सरकार की शिक्षा मंत्रालय ने तीन वर्ष के अंदर देश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों को एनबीए से मूल्यांकन कराने का निर्देश दिया है. लेकिन मूल्यांकन के लिए कॉलेजों को अपने संसाधनों को हर हाल में विकसित करना होगा. नहीं तो एनबीए से मान्यता मिलने में पेरशानी होगी. मानक पर खरा नहीं उतरने पर इंजीनियरिंग कॉलेजों की मान्यता पर भी खतरा मंडरा सकता है.
ऐसे में भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज समेत बिहार के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों को एनबीए से मूल्यांकन कराने की तैयारी राज्य सरकार ने शुरू कर दी है. राज्य सरकार की विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग सभी कॉलेजों में निरीक्षण कर संसाधनों की सूची तैयार कर रही है. रिपोर्ट के आधार पर कॉलेजों को विकसित कर एनबीए मूल्यांकन के लिए तैयार की जायेगी.
Published By: Thakur Shaktilochan