निष्काम कर्म, भक्ति, ज्ञान और अनुशासन पाप कर्मों से मुक्ति का बड़ा साधन

गीता में कर्म, भक्ति, ज्ञान और अनुशासन के माध्यम से पाप कर्मों से मुक्ति का उपाय बताया गया है. निष्काम कर्म, भक्ति, ज्ञान और अनुशासन पाप कर्मों से मुक्ति का बड़ा साधन है. भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया कि मनुष्य वासना और निहित स्वार्थों के कारण पाप करने पर मजबूर होता है. पाप कर्मों के कारण उस व्यक्ति के अंदर लोभ, मोह, अहंकार जैसे विकार आ जाते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 18, 2024 9:41 PM

गीता में कर्म, भक्ति, ज्ञान और अनुशासन के माध्यम से पाप कर्मों से मुक्ति का उपाय बताया गया है. निष्काम कर्म, भक्ति, ज्ञान और अनुशासन पाप कर्मों से मुक्ति का बड़ा साधन है. भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया कि मनुष्य वासना और निहित स्वार्थों के कारण पाप करने पर मजबूर होता है. पाप कर्मों के कारण उस व्यक्ति के अंदर लोभ, मोह, अहंकार जैसे विकार आ जाते हैं. उक्त बातें ब्रह्मर्षि किरीट भाई ने द्वारिकापुरी कॉलोनी श्याम कुंज में तुलसी परिवार की ओर से आयोजित सात दिवसीय भावगत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन बुधवार को प्रवचन करते हुए कही. उन्होंने कहा कि व्यक्ति को निष्काम कर्म के माध्यम से अपने कर्मों को शुद्ध करना चाहिए. यानि कर्म करते समय फल की आकांक्षा नहीं होनी चाहिए. इससे आत्मिक विकास, स्वतंत्रता और मोक्ष की प्राप्ति होती है. फिर भक्ति के बारे कहा कि भगवान के प्रति आदर और भक्ति के माध्यम से भी पाप कर्मों से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है. गीता में ज्ञान का महत्व बताया गया है. ज्ञान के माध्यम से हम अपने कर्मों को सही दिशा में ले जा सकते हैं और अच्छे-बुरे का फर्क कर सकते हैं. अनुशासन के माध्यम से भी हम अपने कर्मों को शुद्ध कर सकते हैं. यह हमें सही मार्ग पर चलने में मदद करता है.

गोपियों के साथ हुई महारास लीला, भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में झूमे श्रद्धालु

किरीट भाई ने श्री नारायण, नारायण हरि-हरि…भजन गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया. श्रद्धालुओं ने भजन को उनके साथ दोहराया. इसी क्रम में गोवर्धन पूजन, महारास, छप्पन भोग, फूलों की होली एवं डांडिया का आयोजन हुआ. गोवर्धन पूजन व महारास की झांकी सजायी गयी. श्रीकृष्ण, राधा के साथ गोपियों की झांकी सजायी गयी. सभी ने नृत्य कर माहौल शृंगारिक कर दिया.

गंगा समेत अन्य नदियों को अपवित्र करना ही पाप, जन्मदिन पर लगायें पौधे

किरीट भाई ने कहा कि गंगा समेत अन्य नदियों को अपवित्र करना पाप है. कोई भी किसी नदी में किसी तरह की चीजों को प्रवाहित नहीं करें. पर्यावरण संरक्षण हमलोगों की बड़ी जिम्मेदारी है. इसलिए हरेक जन्मदिन पर पौधरोपण करें. इसका आज से संकल्प लें. मौके पर केंद्रीय रेल रेलवे यात्री संघ के अध्यक्ष विष्णु खेतान, नवनीत ढांढानियां, तुलसी परिवार के संरक्षक विनोद गुड्डेवाल, चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष शरद सलारपुरिया, सुनील बुधिया, राजेश मेहता, शोभा ढांढनियाँ, संगीता साह, अभिषेक ढांढनियां, मयंक सिंघानियां, नीलेश कोटरीवाल, मनोज बुधिया, रोहन साह, शिव झुनझुनवाला, मीडिया प्रभारी राजेश खेतान, केंद्रीय रेल रेलवे यात्री संघ के विनय, विनोद एवं विमल गुड्डेवाल, अंकित, अमन, श्रेया, कार्तिक, वसुधा, साक्षी, सिद्धि, रिद्धि, कृष, अबयान आदि का योगदान रहा. मीडिया प्रभारी राजेश खेतान ने बताया कि 19 दिसंबर को रुक्मिणी विवाह, 20 दिसंबर को गुरु पादुका पूजन एवं पूर्णाहुति यज्ञ होगा.

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