30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Sewage Treatment Plant : शहर में रुकेगी पानी की बर्बादी और फिर से आयेगा काम, शुरू कराया निर्माण

Sewage Treatment Plant : शहरी क्षेत्र के छोटे-बड़े नालों का पानी गंगा में सीधे प्रवाहित होता है. गंगा में गिरने वाले नाले के मुहाने को मोड़ा जायेगा. इन नालों को 10 पंपिंग स्टेशन में पहुंचाने की योजना है.

Sewage Treatment Plant : ब्रजेश, भागलपुर: अगले पांच महीने बाद से शहर में पानी की बर्बादी रुकेगी. अभी जो पानी बर्बाद हो रहा है, वह फिर से इस्तेमाल में आयेगा. इस पानी का इस्तेमाल सिंचाई या औद्योगिक कामों में भी किया जा सकेगा. मीठे पानी के संसाधनों का संरक्षण होगा. साहिबगंज में बन रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से यह मुमकिन होगा. बुडको एसटीपी निर्माण के लिए अब वन विभाग के एनओसी का इंतजार नहीं करेगा. गंगा किनारे बनने वाले एक से पांच तक पंपिंग स्टेशन को छोड़कर एसटीपी का निर्माण फरवरी तक पूरा करेगा और इसको लक्ष्य के रूप में लिया है. यही वजह है कि गंगा का जलस्तर घटने के साथ इसका निर्माण शुरू करा दिया है. यह करीब 385 करोड़ से बन रहा है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से काम रुक गया था.

प्लांट सहित छह से 10 नंबर तक पंपिंग स्टेशन का सिर्फ होगा काम

गंगा किनारे बन रहे पंपिंग स्टेशन पर वन विभाग ने रोक लगा रखी है. एनओसी के लिए बुडको ने अप्लाइ किया है लेकिन, इसकी फाइल पटना में अटकी हुई है. रिमाइंडर के बाद भी एनओसी निर्गत नहीं हो रही है. इससे काम प्रभावित हो रहा है. यही वजह है कि निर्णय लिया है कि एक नंबर से छह नंबर तक के पंपिंग स्टेशन को बनाने के लिए एनओसी मिले या न मिले, लेकिन एसटीपी के काम को आगे बढ़ाया जायेगा. इस निर्णय के साथ प्लांट सहित छह से 10 नंबर के पंपिंग स्टेशन का काम होने लगा है और इसको ही फरवरी तक अब पूरा किया जायेगा.

गंगा में गिरने वाले नाले के मुहाने को मोड़ा जायेगा

शहरी क्षेत्र के छोटे-बड़े नालों का पानी गंगा में सीधे प्रवाहित होता है. गंगा में गिरने वाले नाले के मुहाने को मोड़ा जायेगा. इन नालों को 10 पंपिंग स्टेशन में पहुंचाने की योजना है लेकिन, छह से 10 नंबर तक पंपिंग स्टेशन से ही यह काम किया जायेगा. इन पंपिंग स्टेशन के सहारे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी पहुंचाया जायेगा.

प्लांट से 43 नाले को जोड़ने की योजना

ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 45 एमएलडी की होगी. शहर के 43 नाले का पानी प्लांट तक पहुंचाने की योजना है. वहीं, 13.7 किलोमीटर राइजिंग मेन पाइप बिछायी जानी है, जबकि 10.1 किलोमीटर ट्रंक सीवर लाइन का कार्य होगा. 6.3 किलोमीटर के नाले से शहर की छोटे व बड़े नालों को जोड़ा जायेगा. राइजिंग मेन नाले की गहराई करीब दो मीटर होगी. वहीं, ट्रंक सीवर के लिए तीन से छह मीटर की गहराई होगी.

इस तरह करेगा पंपिंग स्टेशन काम

पंपिंग स्टेशन के सहारे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी पहुंचेगा. पंपिंग स्टेशन पर जेनरेटर की सुविधा रहेगी. वहीं इलेक्ट्रो मैकेनिकल आनलाइन पैनल लगा रहेगा, जिससे नाले से मिलने वाले पानी और प्लांट तक पानी पहुंचाने का आटोमैटिक सिस्टम से रिकार्ड मिलता रहेगा.

कोट
गंगा का जलस्तर घटने के साथ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के रूके हुए कार्यों को फिर से शुरू करा दिया गया है. गंगा किनारे के पंपिंग स्टेशनों को छोड़ कर प्लांट का निर्माण फरवरी तक पूरा किया जायेगा. साथ में अन्य जगहों के भी पंपिंग स्टेशन का निर्माण इस अवधि में पूरा होगा. वन विभाग से एनओसी नहीं मिली और इसकी फाइल पटना में है. बालकृष्ण झा, सहायक अभियंता, बुडको, भागलपुर

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें