शब-ए-बरात आज, तैयारी पूरी
शब-ए-बरात गुरुवार को मनाया जायेगा. इसे लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है. घरों, मजिस्दों, खानकाहों व दरगाहों को रंग-बिरेंगे बल्बों से सजाया गया है.
शब-ए-बरात गुरुवार को मनाया जायेगा. इसे लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है. घरों, मजिस्दों, खानकाहों व दरगाहों को रंग-बिरेंगे बल्बों से सजाया गया है. विभिन्न मोहल्लों के कब्रिस्तानों की सफाई करायी गयी है. शब-ए-बरात की रात लोग अपने-अपने घरों व मस्जिदों में जाग कर अल्लाह की इबादत करेंगे. अपने गुनाहों की माफी मांगेंगे. खानकाह-ए-पीर दमड़िया के सज्जादानशीं सैयद शाह फखरे आलम हसन ने कहा कि शब-ए-बरात इस्लाम में एक बहुत ही खास व रहमतों से भरी हुई रात है. इस रात को इबादत करे. अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगें और तौबा करे. नेक रास्ते पर चलें. उन्होंने कहा कि लोगों को चाहिए कि रात भर जाग कर अल्लाह की इबादत करें. भीखनपुर जामा मस्जिद के इमाम कारी नसीम अशरफी ने कहा कि अल्लाह से अपने गुनाहों की रो-रो कर माफी मांगें. देश में अमन व भाईचारा के लिए भी दुआ मांगे. उन्होंने अपील किया है कि पटाखा छोड़ने से बचें. दूसरी तरफ इस मौके पर बनने वाले पकवान को लेकर बाजार में खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ लगी रही. मोम्मबती व अगरबत्ती की भी खूब लोगाें ने खरीदारी की. ————————————– उर्दू विभाग की पूर्व हेड के निधन पर शोकसभा टीएमबीयू के पीजी उर्दू विभाग की पूर्व हेड प्रो कमर जहां के निधन पर उर्दू राब्ता कमेटी ने शोक सभा का आयोजन किया. मौके पर विभिन्न विद्वान और साहित्यिक हस्तियां उपस्थित थे. प्रो कमर जहां की सेवाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की. कमेटी के अध्यक्ष डॉ शाहिद रजा जमाल ने कहा कि प्रो क़मर जहां उर्दू साहित्य की एक अनूठी व महत्वपूर्ण शख्सियत थी. उनकी रचनाओं, नैतिक मूल्यों और व्यक्तित्व ने उर्दू साहित्य में एक खास स्थान बनाया. हबीब मुर्शीद खां ने कहा कि प्रो कमर एक बहुत ही सादगीपूर्ण व विनम्र व्यक्तित्व की धनी थी. मौके पर मो सिद्दीक, डॉ अरशद रजा, फयाज हुसैन, दाऊद अली अजीज, हाफिज हारुन आदि मौजूद थे.
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