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शिक्षा हर कदम पर देती है साथ, मां की गोद से हो जाती है शुरू

प्रभात खबर की ओर से बीएन कॉलेज में शनिवार को अभिव्यक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

प्रभात खबर की ओर से बीएन कॉलेज में शनिवार को अभिव्यक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें काफी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए. कार्यक्रम में कविता पाठ, भाषण और वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गयी. कार्यक्रम का संचालन एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ इरशाद अली ने किया. प्रतिभागियों ने शिक्षा का अलख जगाने पर जोर दिया और कहा कि शिक्षा हर कदम पर लोगों का साथ देती है. शिक्षा के प्रति सभी वर्ग के लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. बच्चों में शिक्षा की शुरुआत मां की गोद से होती है. निर्णायक के रूप में अर्थशास्त्र की एचओडी डॉ इंदू कुमारी, हिंदी विभाग की एचओडी डॉ दिव्या रानी, सहायक प्राध्यापक डॉ सुजाता कुमारी, अंग्रेजी विभाग के एचओडी डॉ फिरोज आलम, इतिहास के सहायक प्राध्यापक डॉ मुशर्रफ हुसैन शामिल हुए. शिक्षा बिना गुरु की कल्पना से परे

अभिव्यक्ति कार्यक्रम में आठ छात्र-छात्राओं ने कविता का पाठ किया. इससे पहले भाषण प्रतियोगिता में शिक्षा व चंद्रयान-3 की सफलता पर वक्तव्य प्रस्तुत किया. मृगांकी तान्या ने कहा कि शिक्षा बिना गुरु की कल्पना नहीं कर सकते. अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करने के लिए गुरु की जरूरत होती है. बच्चों की शिक्षा मां की गोद से शुरू होती है. शिक्षा हर कदम पर साथ देती है. दूसरे प्रतिभागी जसीम अंसारी ने कहा कि शिक्षा अनुशासन को बढ़ावा देती है. देश में चंद्रयान तीन की सफलता भी शिक्षा के बढ़ते कदम को दर्शाता है. वहीं, ऋषि कुमार ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक अर्थ ज्ञान की प्राप्ति है. शिक्षक से शिक्षा मिलती है. समग्र शिक्षा के लिए विद्यालय व महाविद्यालय की जरूरत है. विद्यासागर ने कहा कि चंद्रयान तीन की सफलता दर्शा रहा है कि भारतीय पूरी दुनिया में शिक्षा व टेक्नोलॉजी का डंका बजाने लगा है. तान्या परवीन ने कहा कि शिक्षा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है. अशिक्षित लोग पशु के सामान हैं. मौसम कुमारी ने कहा कि शिक्षा मनुष्य में धैर्य व साहस को बढ़ाती है. शिक्षा को हमसे कोई छीन नहीं सकता.

नवीन, तान्या व विद्यासागर ने खेल व शिक्षा के महत्व पर किया वाद-विवाद

वाद-विवाद प्रतियोगिता में नवीन ने जहां खेल के महत्व पर प्रकाश डाला, तो मृंगांकी तान्या ने शिक्षा के महत्व पर. नवीन पर तान्या हावी होने लगी, तो विद्यासागर ने नवीन की ओर से मोर्चा संभाला और खेल के महत्व पर जोरदार पक्ष रखा. इस पर श्रोताओं ने तालियां बजाकर स्वागत किया.

बाबू हो हम्मू पढ़भै हो… : डॉ सुजाता कुमारी

फिर यार मैं अभी मरना नहीं चाहता स्वरचित कविता पाठ कर कविता पाठ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. ऋषि कुमार ने जीना अभी बाकी है, मंजिल को पाना अभी बाकी है…कविता पाठ कर निर्णायक मंडल को हैरत में डाल दिया. इसी क्रम में मौसम कुमारी ने नामचीन साहित्यकार माखनलाल चतुर्वेदी की कविता पुष्प की अभिलाषा के तहत चाह नहीं मैं सुरबाला चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूंथा जाऊं, चाह नहीं, प्रेमी-माला में, बिंध प्यारी को ललचाऊं…का पाठ किया. कविता पाठ कार्यक्रम का समापन हिंदी की सहायक प्राध्यापक डॉ सुजाता कुमारी ने बेटी पढ़ाओ पर आधारित अंगिका कविता बाबू हो हम्मू पढ़भै हो, हमरा नाय चाही लुंगा-फाटा, हम्मू छेकिये तोरे बेटिया, भैया नेकी चलेबै फटफटिया….का पाठ कर प्रतिभागियों को उत्साह से भर दिया.

अभिव्यक्ति सृजन की शक्ति, मौलिक विकास का साधन

अभिव्यक्ति सृजन की शक्ति है, यह बच्चों के मौलिक विकास का सर्वोत्तम साधन है. प्रभात खबर ने छात्राओं को अच्छा मंच देने का काम किया है. जिसके माध्यम से छात्राओं ने खुल कर अपनी बातों को दुनिया के साथ साझा किया है.

डॉ अशोक कुमार ठाकुर, प्राचार्य, बीएन कॉलेज, भागलपुर

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विजेताओं की सूची

कविता पाठ

प्रथम : मौसम कुमारी

द्वितीय : ऋषि कुमार

भाषण प्रतियोगिता

प्रथम : मृगांकी तान्या

द्वितीय : विद्यासागर

तृतीय : तान्या परवीन

चौथा : मो जसीम अंसारी

वाद-विवाद प्रतियोगिता

प्रथम : मृगांकी तान्या व विद्यासागर

द्वितीय : नवीन कुमार

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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