दीपक राव, भागलपुर : सिल्क सिटी में अद्भुत शिवालय का निर्माण शुरू हो गया है. इसमें न ईंट, न बालू और ना ही सीमेंट का इस्तेमाल हो रहा है. लहरी टोला प्राचीन दुर्गा मंदिर सामने स्थित दल्लू बाबू धर्मशाला परिसर में इस शिव मंदिर का निर्माण हो रहा है. दिल्ली का अक्षरधाम और अयोध्या का राम मंदिर जिस आरावली पर्वत धौलपुर के पत्थर से बना है, उसी पत्थर का इस्तेमाल भागलपुर के इस मंदिर निर्माण में हो रहा है.
15 दिन में तैयार होगा 30 टन पत्थर से 18 फीट चौड़ा व 36 फीट लंबा मंदिर
दल्लू बाबू धर्मशाला के प्रबंध न्यासी सह रेडक्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन अशोक जिवराजिका के नेतृत्व में भागलपुर में इस मंदिर का निर्माण शुरू हुआ है. इस मंदिर के लिए डिजाइन किया हुआ 30 टन पत्थर राजस्थान के धौलपुर से मंगाया गया है. अशोक जिवराजिका ने बताया कि इस मंदिर का निर्माण 15 दिन में पूरा कर लिया जायेगा. नये साल में 10 दिन के अंदर शहरवासियों को इस शिव मंदिर की सौगात मिलेगी. इस मंदिर को बनाने में न ईंट, न सिमेंट व और न ही बालू का इस्तेमाल हो रहा है.
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अनूठी शिल्प कला का प्रतीक होगा शिव मंदिर
अशोक जिवराजिका ने बताया कि 1904 में दल्लू बाबू धर्मशाला परिसर में प्राचीन शिवलिंग स्थापित थी. इस मंदिर का जीर्णोद्धार करने के लिए नये स्वरूप दिये जा रहे हैं. पहले सामान्य मंदिर में भगवान शिव स्थापित थे. अब अनूठी शिल्प कला का प्रतीक यह मंदिर बनने जा रहा है. इतना ही नहीं मंदिर परिसर में फाउंटेन-झरना, पत्थर का सोफा व आकर्षक रंग-बिरंगे पौधे-फूल-पत्ति सजाये जायेंगे. इससे छोटे आकार का मंदिर परिसर रमणीक हो जायेगा और इस क्षेत्र की सुंदरता में चार चांद लगा देगा.
राजस्थान के विशेषज्ञ के नेतृत्व में आये हैं छह कलाकार
राजस्थान के विशेषज्ञ सुरेश डोरिया के नेतृत्व में छह कलाकार आये हैं, जो कि मंदिर निर्माण में दिनरात लगे हैं. सुरेश डोरिया ने बताया कि उन्होंने अब तक दिल्ली, नोएडा, आंध्रप्रदेश के हरेकृष्ण मंदिर समेत मथुरा व वृंदावन में अंग्रेज मंदिर का निर्माण किया है. इस मंदिर के निर्माण से लेकर अन्य सजावट में 50 लाख से अधिक खर्च का अनुमान है.