भागलपुर में साइकलिंग के लिए सिर्फ लंबी-चौड़ी प्लानिंग, ट्रैक के साथ बने पाथ-वे पर सजती हैं दुकानें

बिहार का पहला साइकिल ट्रैक शहर के लोगों को नहीं कर सका आकर्षित, छायी रहती विरानगी, नो प्रोफिट, नो लॉस पर एजेंसी बहाल कर किराये पर साइकिल उपलब्ध कराने की योजना बस फाइलों में दफन है

By Anand Shekhar | March 9, 2024 1:09 PM
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भागलपुर निगम प्रशासन अपनी जिम्मेदारी के प्रति गंभीर नहीं है. थोड़ी बहुत भी अगर संजीदा होती तो स्मार्ट सिटी से बने साइकिल ट्रैक वीरान नहीं होता और न ही इसके साथ सड़क के दोनों ओर बने पाथ-वे पर दुकानें सजतीं. लोग सुबह-सुबह फिटनेस के लिए साइकिल का पैडल मारते दिखायी देते. फिटनेस की ओर नगर प्रशासन का बढ़ाया कदम थम गया है. किराये पर साइकिल उपलब्ध कराने की योजना फाइलों में बंद है.

वही नगर सरकार और उनकी कैबिनेट की टीम है, जब पहले वाले नगर आयुक्त पर विकास कार्य को अटकाने का आरोप लगायी थी लेकिन, अभी चुप्पी साधे है. जेल रोड में 13 अगस्त, 2023 को शहर के पहले साइकिल ट्रैक का उद्घाटन हुआ था. वर्तमान में यह अनुपयोगी है. इधर, पाथ-वे पर दुकानों के सजने से यह ब्लॉक है. राहगीरों को मजबूरी में सड़क पर पैदल चलनपा पड़ रहा है. इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.

नो प्रोफिट नो लॉस पर एजेंसी बहाल करने की तैयारी रह गयी अधूरी

साइकिल ट्रैक की महत्ता तब बढ़ती जब नो प्रोफिट नो लॉस पर एजेंसी बहाल हाे गयी रहती और लोगों को किराये पर साइकिल मिलने लगता. नगर प्रशासन ने एक समय में इसकी तैयारी शुरु की थी लेकिन, इसके पूरा होने से पहले नगर आयुक्त डाॅ योगेश सागर का स्थानांतरण हो गया और अभी वर्तमान में इस योजना को लेकर गंभीरता नजर नहीं आ रही है.

साइकलिंग के फायदे

  • 1. साइकिल ट्रैक से खिलाड़ियों को होती सहूलियत.
  • 2. वजन कम करने में मदद मिल सकती है.
  • 3. पैर मजबूत होंगे.
  • 4. कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है.
  • 5. मानसिक स्वास्थ्य और दिमागी शक्ति बढ़ती है.
  • 6. सुबह की सकारात्मक शुरुआत हो सकती है.
  • 7. चिकित्सीय स्थितियों को रोकने और बचाव करने में मदद मिल सकती है.
  • 8. टाइप 2 मधुमेह को रोकने और बचाव करने में भी मदद मिल सकती है.
  • 9. साइकिल चलाने से संतुलन, अवस्था और कॉर्डिनेशन में सुधार होता है.
  • 10. हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है.

ये भी योजनाएं फाइलों में बंद

1. बाइपास रोड के एरिया में ऊपर घर और नीचे ऑफिस के प्लान पर टाउनशिप

100 करोड़ रुपये की लागत से शहर में नयी टाउनशिप बसाने की योजना फिलहाल फाइलों में दफन है. पहले के नगर आयुक्त ने इस योजना को धरातल पर लाने की तैयारी शुरू की थी जिस पर अभी विराम लगा है. इस पर काम हो, तो यह रेसिडेंशियल व कॉमर्शियल बनेगा. अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड से यह मुमकिन होगा. यह ऐसा फंड है, जिसमें एक से 100 करोड़ खर्च किया जा सकता है और इसमें भागलपुर का भी नाम शामिल है. जिसकी जैसी सुविधा होगी, वैसे उसको खरीद सकेगा.

2. बाइपास रोड पर सिटी का अत्याधुनिक बस अड्डा, रेस्टोरेंट और मल्टीप्लेक्स

नगर निगम ने अत्याधुनिक बस अड्डा, रेस्टोरेंट और मल्टीप्लेक्स की प्लानिंग की थी, जिस पर तैयारी शुरू कर दी थी. बाइपास रोड में टोल प्लाजा से लेकर लोदीपुर क्रॉसिंग रोड के बीच जमीन देखी थी और वह उपयुक्त लगा था. सारी सुविधाओं को ध्यान में रखकर इस बस अड्डे का वृहद पैमाने पर डेवलपमेंट होता, उससे पहले नगर आयुक्त का तबादला हो गया और नये नगर आयुक्त आने के बाद से इस पर कोई काम नहीं हो रहा है. इस योजना के कार्यान्वयन की दिशा में कदम बढ़ाया जाये, तो शहर के नजदीक अत्याधुनिक बस स्टैंड मिल सकेगा.

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