तिरंगे के अपमान पर प्राचार्य व विभागाध्यक्ष को शो-कॉज

टीएमबीयू प्रशासन ने अपने दो संस्थानों में तिरंगे के अपमान के मामले में कड़ा रुख अख्तियार किया है. मामला मारवाड़ी कॉलेज व पीजी पर्शियन विभाग से जुड़ा है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 14, 2024 8:51 PM

टीएमबीयू प्रशासन ने अपने दो संस्थानों में तिरंगे के अपमान के मामले में कड़ा रुख अख्तियार किया है. मामला मारवाड़ी कॉलेज व पीजी पर्शियन विभाग से जुड़ा है. कुलपति डॉ जवाहरलाल के आदेश पर कुलसचिव डॉ विकास चंद्र ने मारवाड़ी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ शिव प्रसाद यादव और पीजी पर्शियन विभाग के अध्यक्ष प्रो हलीम अख्तर से स्पष्टीकरण मांगा है. प्रभारी प्राचार्य व विभागाध्यक्ष को 24 घंटे के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया गया है. कुलसचिव ने कहा है कि समय पर जवाब नहीं देने पर उनके विरुद्ध राष्ट्रीय ध्वज अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की अनुशंसा कर दी जायेगी. कुलसचिव ने दोनों पदाधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि आपके संस्थान में आपकी उपस्थिति में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हुआ है. विवि से जारी पत्र में कहा गया है कि तिरंगा फहराने की जानकारी विभिन्न स्रोतों से मिली है. तिरंगा का आपके होते हुए अपमान हुआ है. तिरंगा उल्टा फहराया गया है. ऐसे में आपके खिलाफ ध्वज अधिनियम के तहत कार्रवाई की अनुशंसा की जाये. राजभवन के आदेश पर नौ से 15 अगस्त तक शैक्षणिक संस्थानाें में राष्ट्रीय ध्वज फहराना था. साथ ही इसका फोटो एक लिंक पर भेजने का निर्देश दिया गया था. इसे लेकर विवि प्रशासन ने सभी कॉलेजों व पीजी विभागों को पत्र लिखकर तिरंगा फहराने का निर्देश दिया था. मारवाड़ी कॉलेज का यह है मामला एक दिन पहले मंगलवार को मारवाड़ी कॉलेज में राष्ट्रीय ध्वज उल्टा फहराया गया था. हालांकि, कॉलेज प्रशासन ने मामले में मानवीय भूल बताया था. कॉलेज प्रशासन का कहना था कि जिन कर्मचारियों को झंडा फहराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी, वो छुट्टी पर थे. कॉलेज के दूसरे कर्मचारी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. मानवीय भूल के कारण गलती हो गया. पीजी पर्शियन विभाग का यह है मामला पीजी पर्शियन विभाग का मामला सामने आया है कि राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के नाम पर टेढ़ा व पीछे लगाया गया है. विवि से जारी पत्र में कहा गया है कि यह राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है. रजिस्ट्रार द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि पूरे मामले में 24 घंटे के अंदर अपना जवाब दें. जवाब नहीं आने पर राष्ट्रीय ध्वज अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की बाध्यता होगी.

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