Shravani Mela 2022: सुल्तानगंज में गंगा किनारे बना हरिद्वार जैसा नया सीढ़ी घाट, जानिये क्या है खासियत

Shravani Mela 2022: सुलतानगंज से कांवरिया सावन मेले में उत्तरवाहिनी गंगा का जल लेकर बाबाधाम देवघर जाएंगे. इस बार श्रावणी मेले में कांवरियों को हरिद्वार के गंगा घाट की तर्ज पर बना नया गंगा घाट मिलेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2022 4:05 PM

Shravani Mela 2022: कोरोना महामारी के कारण दो साल के बाद इस बार विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला लगने जा रहा है. बम – बम भोले के नाम पर झूमने के लिए श्रद्धालु बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं. इस बार श्रद्धालुओं को सुल्तानगंज में एक नया गंगा घाट देखने को मिलेगा. जहां कांवरियों फिसलन भरे रास्ते का सामना नहीं करना पड़ेगा. नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत सुल्तानगंज में हरिद्वार के घाट की तर्ज पर एक पक्के का सीढ़ी घाट बनाया गया है, जिसे 14 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है. इसका लोकार्पण भी श्रावणी मेला के शुभारंभ के दिन यानी 14 जुलाई को ही किया जाएगा.

हरिद्वार घाट के तर्ज पर बना नया घाट

सुल्तानगंज का जहाज घाट हरिद्वार के तर्ज पर विकसित किया गया है. यहां  कावरियों को डिलक्स सुविधा मिलेंगे. लोकार्पण के साथ ही, भक्ति में सराबोर कांवरिये, हंसराज रघुवंशी के गानों पर भोले भंडारी के भक्ति रस में डूबे मिलेंगे. दरअसल, 14 जुलाई को जहाज घाट के उद्धघाटन के अवसर पर, जाने-माने कलाकार हंसराज रघुवंशी सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करने आ रहे है. इस दौरान पूरे क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए है. जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रहेगी और पुलिस फोर्स तैनात रहेगी. इसके साथ ही एम्बुलेंस और दवाइयों के साथ मेडिकल टीम भी आपातकालीन स्थिति के लिए मौके पर मौजूद रहेगी.

घाट पर तीन गेट बनाए गए

घाट पर तीन गेट बनाए गए हैं. सीढ़ी घाट को चार लेयर में तैयार किया गया है. इसमें पहले लेयर में 14 सीढ़ी है. वही दूसरे और तीसरे लेयर में 12-12 सीढ़ियों का निर्माण किया गया है,  जिसके बाद चौथे लेयर में गंगा का जल है.  सीढ़ी घाट की कुल लम्बाई 125 मीटर है वहीं इसकी चौड़ाई 50 मीटर की है. रात में रौशनी के लिए लाइट के बेहतर इंतजाम किये गये हैं.

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महिलाओं के लिए विशेष इंतजाम

श्रद्धालुओं के लिए एक मंदिर के आकार की संरचना बनाई गई है. 10 शौचालय का निर्माण भी किया गया है. महिलाओं के लिए विशेष इंतजाम किये गये हैं. वस्त्र बदलने के लिए कमरे भी बनाये गये हैं.घाट पर गार्डन व पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराइ गई है .सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीढ़ी के अंतिम छोर पर स्टील की बैरिकेडिंग की गई है.

15 अगस्त तक श्रावणी मेला

बता दें, इस बार 12 जुलाई से 15 अगस्त तक श्रावणी मेला चलेगा, जिसमें हर साल की तरह इस साल भी श्रद्धालु भागलपुर अंतर्गत सुल्तानगंज से उत्तरवाहिनी गंगा का पवित्र गंगा जल लेकर, बोल बम का नारा लगाते हुए 109 किलोमीटर की यात्रा तय कर बाबाधाम (देवघर) जाएंगे और द्वादश ज्योर्तिलिंग में एक बाबा बैद्यनाथ को जल चढाएंगे. इस दौरान कावरिया पथ पर एक अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है.

सुल्तानगंज से जल भरने का महत्त्व

बताते चलें कि सुल्तानगंज से जल भरने का महत्त्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यहां गंगा उत्तर दिशा की ओर बहती है. जिस वजह से सुल्तानगंज की गंगा को उत्तरवाहिनी गंगा कहते हैं. बाबाधाम पहुंचने पर कांवरिये शिवगंगा में डुबकी मारकर खुद को पवित्र करते हैं और फिर ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यानथ व अन्य देवी-देवता को जल चढ़ाते हैं. श्रावणी मेला पूरे सावन मास तक चलता है. जिसे विश्व का सबसे लम्बा धार्मिक मेला भी कहा जाता है.

प्रस्तुति: चेतना प्रकाश

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