भागलपुर : माहे रमजान ईमानवालों के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है. रोजा रखने वाले रोजेदार बीमारी से दूर रहते है. पूरे माह में अल्लाह की खास रहमत बरसती है. इस माह का एक-एक पल कीमती है. ज्यादा से ज्यादा इबादत करनी चाहिए. इस माह में खुदा से अपनी गुनाहों की माफी मांगे. उक्त बातें मुस्लिम डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ सलाहउद्दीन अहसन ने कही. उन्होंने बताया कि साइंसदानों ने रिसर्च में बताया कि रोजा रखने वाले लोगों की बीमारी दूर होती है. शरीर के बीमार कोशिका को रोजा के माध्यम से सुधार हो जाता है.
ऐसे में बीमारी बढ़ने का खतरा नहीं होता है. अल्लाह इस माह में अपने बंदों को बेशुमार रहमतों, बरकतों से नवाजते हैं. उन्होंने बताया कि एक हदीस में आया कि तराबीह के दौरान खड़े होकर कुरान-ए-पाक सुनने से अल्लाह अपने बंदों पर रहमत की बारिश करते हैं. इस माह में तलावत व नफिल की नमाज व तस्बीह पढ़े. माहे रमजान पूरा होने से पहले फितत्रा व जकात अदा करें ताकि वे लोग भी खुशी मना सकें, जो आर्थिक रूप से कमजोर व असहाय हैं.