आरक्षण ममाले में सामाजिक संगठनों का प्रतिवाद प्रदर्शन
सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार),बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन(बिहार) व बिहार फुले-आंबेडकर युवा मंच के संयुक्त बैनर तले सोमवार को विरोध दर्ज कराया.
सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार),बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन(बिहार) व बिहार फुले-आंबेडकर युवा मंच के संयुक्त बैनर तले सोमवार को बिहार में जाति सर्वे के बाद एससी,एसटी और ईबीसी-बीसी आरक्षण को 65 प्रतिशत करने के निर्णय को पटना हाईकोर्ट द्वारा रद्द करने के खिलाफ स्टेशन चौक पर प्रतिवाद प्रदर्शन व नुक्कड़ सभा किया गया. मौके डॉ.योगेंद्र ने कहा कि पटना हाईकोर्ट द्वारा बिहार में जाति सर्वे के आधार पर एससी,एसटी,ईबीसी-बीसी का बढ़ाये गये. आरक्षण को रद्द किया जाना कतई उचित नहीं है. एकतरफा असंवैधानिक ईडब्लूएस आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट जारी रखती है. दूसरी तरफ एससी,एसटी,ईबीसी-बीसी के बढ़ाये गये आरक्षण को पटना हाईकोर्ट असंवैधानिक बताती है.जबकि आरक्षण की तय 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन करते हुए ही ईडब्लूएस आरक्षण भी लागू हुआ है. वहीं, गौतम कुमार प्रीतम व रामानंद पासवान ने कहा कि केंद्र में भी एनडीए की ही सरकार चल रही है. बिहार की एनडीए सरकार 65 प्रतिशत आरक्षण के फैसले को 9वीं अनुसूची में डालने की गारंटी दें. सामाजिक कार्यकर्ता अर्जुन शर्मा व गौतम कुमार ने कहा कि भाजपा बिहार में बढ़ाये गये आरक्षण के पक्ष में होने का झूठा दिखावा कर रही है. अगर भाजपा सचमुच 65 प्रतिशत आरक्षण के पक्ष में है, तो फिर प्रधानमंत्री को बिहार सरकार के फैसले को 9वीं अनुसूची में डालने में देर नहीं करना चाहिए. कार्यक्रम को प्रवीण कुमार यादव, विष्णु दास, रिंकु यादव, विरेंद्र आदि ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर मिथिलेश विश्वास, नंदकिशोर, अभिषेक, अनीश आनंद, श्याम सुंदर, अभिलाश, समीर, मुकेश, राजीव ठाकुर आदि मौजूद थे.
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