सिल्क सिटी भागलपुर में आयी बाढ़ की विभीषिका बढ़ती ही जा रही है. इसने किसी का घर लील लिया, तो कोई सर्प दंश का शिकार बन कर काल कलवित हो गया. सैकड़ों लोगों का घर पूरी तरह से डूब गया और गंगा कटाव में बह गया. चार शरणस्थली में जाकर घरबार व परिवार को गवां चुके लोगों से प्रभात खबर ने सोमवार को उनकी आपबीती सुनी.
शंकरपुर चौवनिया दियारा में गंगा कटाव में घर बह गया. पांच सदस्यों का परिवार अब कहां रहेगा, इसके लिए सोचना पड़ रहा है. अभी तो प्रशासन की ओर से भोजन, पानी व दवा की सुविधा दी गयी है. किसी तरह ईंट की दीवार व फूस का घर खड़ा किया था.
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संतनगर रजंदीपुर में बाढ़ के कारण पूरा घर ढह गया. ड्रम, बक्सा, अनाज आदि पानी की धार में बह गया. किसी तरह अपनी जान बचाकर भागे. पति उपेंद्र मंडल खेतिहर मजदूर हैं. किसी तरह घर का गुजारा चलता है. अभी तो सरकार की ओर से भोजन मिल रहा है. चार बेटा, एक बूढ़ी सास व मवेशी के लिए खर्च जुटाना चुनौती है.– रीता देवी, सबौर प्रखंड परिसर
————बाढ़ के कारण घर का सामान निकालने के दौरान पत्नी माधुरी देवी को सांप ने डंस लिया. अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी. मान्यता के अनुसार पत्नी के शरीर में चीड़-फाड़ व पोस्टमॉर्टम नहीं कराया और केला के चोप पर गंगा में बहा दिया. सरकार की ओर से मिलने वाली मुआवजा नहीं मिली. चार छोटे-छोटे बच्चों की जिम्मेदारी आ गयी है.
– मनोज महतो, दीपनगर काली ठाकुर लेन————
पति दीपक गुप्ता के गुजरने के बाद दीपनगर घाट में बस गये. बाढ़ आने के बाद घर ही बह गया. अब पूर्णिया जाकर फुटपाथ पर दुकान चलाकर गुजारा कर रही हूं. यहां कोई सुविधा नहीं मिली. भोजन के लिए भी सोचना पड़ रहा था.– जयश्री देवी, दीपनगर घाट
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