बेशक, किसानों व लोगों मॉनसून की झमाझम बारिश का इंतजार है, लेकिन पिछले चार दिनों से हो रही बारिश ने राहत पहुंचाई है. खासकर धान के किसानों को. किसानों ने धान के बिचड़े के लिए बुआई शुरू कर दी है. तय लक्ष्य के अनुसार जिले में 5200 हेक्टेयर में बिचड़े के लिए धान की बुआई होनी है. चार दिन पहले महज दो फीसदी बुआई थी, जो अब बढ़कर 34 फीसदी हो गयी है. चार दिनों में करीब 1800 हेक्टेयर तक बुआई हो चुकी है.
पीरपेंती, सन्हौला व कहलगांव में बिचड़ा को लेकर हुई उपयुक्त बारिश
किसानों का अब भी पारंपरिक खेती पर भरोसा
जिले में किसानों का अब भी पारंपरिक खेती के प्रति अधिक भरोसा है. इसलिए बिचड़ा बुआई की ओर अधिक रुझान दिख रहा है. हालांकि कृषि विभाग की ओर से जीरो टिलेज व सीधी बुआई काे लेकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है. जिला कृषि पदाधिकारी अनिल यादव ने बताया कि तकनीकी खेती के प्रति लोगों में जागरूकता आने में थोड़ा समय लगेगा. लगातार किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक आदि एवं किसान पाठशाला में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है