सावन माह कृष्ण पंचमी पर विषहरी मंदिरों में हुई विशेष पूजा
सावन माह कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर शुक्रवार को जिले के विषहरी मंदिरों में बेड़ा पांच अर्थात विशेष पूजा हुई.
सावन माह कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर शुक्रवार को जिले के विषहरी मंदिरों में बेड़ा पांच अर्थात विशेष पूजा हुई. विषहरी पूजा महासमिति के कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप कुमार ने बताया कि इसे चंपा बेड़ा के नाम से भी जाना जाता है. यह दिन नाग देवता को समर्पित है और नागमणियार की पूजा की गयी. अंग जनपद के मुख्य विषहरी मंदिर चंपानगर विषहरी स्थान, नाथनगर, परबत्ती, रामसर, उर्दू बाजार, ईश्वर नगर, भीखनपुर, छोटी खंजरपुर, बड़ी खंजरपुर, बरारी विषहरी स्थान में देवी गीत, बिहुला विषहरी की गाथा का पाठ किया गया. गंध-धूप, दूध-लावा, फल आदि अर्पित करते हुए नाग देवता की पूजा की गयी. कुछ जगहों पर घर के आगे गाय के गोबर से नाग की आकृति बनाकर धूप-दीप व सिंदूर से पूजा पाठ हुई. रजक समाज की ओर से मां विषहरी की विशेष पूजा हुई. इसमें नेतुला धोबिन की पूजा-अर्चना की गयी. लोक कथा के अनुसार नेतूला धोबिन के सहयोग से सती बिहुला स्वर्ग लोक गयी थी. केंद्रीय विषहरी पूजा समिति के कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप कुमार के नेतृत्व में उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, श्यामल किशोर, कोषाध्यक्ष बबलू भगत, संगठन महामंत्री शिव कुमार सिंह ने पूजा-अर्चना की. विभिन्न विषहरी मंदिर व भगत के स्थान का निरीक्षण किया और समस्याओं से अवगत हुए. कमेटी के प्रधान सदस्य हेमंत कश्यप ने बताया कि चंपानगर मनसा देवी मंदिर में बेड़ा पांच अर्थात विशेष पूजा हुई. यह तिथि नाग देवता को समर्पित है. देश के कई हिस्सों में नागपंचमी के रूप में मनाया जाता है. नाग पंचमी का पर्व हर साल सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाया जाता है. इस बार नाग पंचमी का त्योहार नौ अगस्त शुक्रवार को मनाया जायेगा. नाग देवता की पूजा करने से सारी समस्याओं से मुक्ति मिलती है.
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