पितृ पक्ष आश्विन कृष्ण पक्ष द्वादशी को कृषि भवन स्थित आत्मा के प्रशाल में रविवार को देर शाम स्वामी आगमानंद महराज के सानिध्य में पितृ पक्ष की उपादेयता और महत्ता पर एक परिचर्चा हुई. स्वामी आगमानंद महाराज ने कहा कि मानव का जन्म जिस उद्देश्य के लिए हुआ है. उस दिशा में बहुत कम लोग ही कार्य करते हैं. जब शरीर से प्राण छुटने का समय आता है, उस समय मनुष्य को पता चलता है कि हमने अपना सारा जीवन व्यर्थ कर दियाृ. उस समय मनुष्य को अपने मूल कतव्य की याद आती है. अपने पूर्वजों को हमेशा याद रखें. उनकी रोज पूजा करें. पितृ पक्ष पर अपने पूर्वजों को विशेष रूप से याद करें. डॉ लक्ष्मीश्वर झा, डाॅ बहादुर मिश्र, पंडित ज्योतिन्द्र प्रसाद चौधरी, वेदांति शंभुनाथ शास्त्री, डाॅ मथुरा प्रसाद दुबे, डाॅ वीरेन्द्र शर्मा और गीतकार राजकुमार ने परिचर्चा में अपने विचार व्यक्त किए. संचालन डाॅ अरविंद प्रसाद ने किया. स्वामी शिवप्रेमानंद भाई, स्वामी मानवानंद, पंडित प्रेम शंकर भारती, मनोरंजन प्रसाद सिंह, कुंदन बाबा, सुबोध दा, मृत्युंजय कुंवर, मुरारी मिश्रा, अनिरूद्ध शास्त्री, पंकज शास्त्री, आशीष पांडेय, संजय सिंह, दिलीप शास्त्री आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम का संयोजन आत्मा के उपपरियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने किया. गीतकार राजकुमार ने अपनी स्वरचित कविता को सुनाकर सभी को भावविभोर कर दिया. गुरुनानक देव के ज्योति जोत पर्व पर हुआ सबद-कीर्तन सिखों के पहले गुरु श्री गुरुनानक देवजी का ज्योति जोत पर्व रविवार को मुख्य बाजार क्षेत्र स्थित गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में मनाया गया. इस दौरान अखंड पाठ, सबद-कीर्तन व लंगर का आयोजन हुआ. बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोगों ने गुरुद्वारा में मत्था टेका और सबद कीर्तन में शामिल हुए. गुरुद्वारा ग्रंथी सरदार जसपाल सिंह ने गुरुनानक देव के संदेशों से अवगत कराया और एक से एक भजन गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया. कार्यक्रम का समापन सभी लोगों ने लंगर छक कर किया. इस मौके पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष तजेंद्र सिंह, हरविंदर सिंह भंडारी, सचिव बलवीर सिंह, कोषाध्यक्ष मंजीत सिंह छाबड़ा, सरदार हर्षप्रीत सिंह आदि उपस्थित थे.
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