पिछले एक दशक से बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग ने इस्माईलपुर व गोपालपुर प्रखंड के विभिन्न गांवों को कटाव व बाढ़ से बचाने के लिए प्रति वर्ष करोड़ों रुपये खर्च कर 10 किलोमीटर लंबा तटबंध व 14 स्पर अलग-अलग वित्तीय वर्षों में बनाये. काफी जद्दोजहद के बाद इस्माईलपुर प्रखंड से गंगा नदी दूर चली गयी .स्पर संख्या चार पर पानी का दबाव नहीं है, लेकिन गोपालपुर प्रखंड अंतर्गत पड़ने वाले स्पर संख्या पांच से नौ तक गंगा नदी की मुख्य धारा होने व नदी की चौड़ाई कम होने से काफी संवेदनशील हो गया है. हालांकि जल संसाधन विभाग ने लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत से स्पर संख्या छह एन से नौ तक विभिन्न स्थानों पर पिछले वर्ष बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए तटबंध, स्परों का जीर्णोद्धार कार्य व नदी के विपरीत दिशा में मिट्टी कटिंग कर नदी की धारा को चौड़ा करने का कार्य दो ठेकेदारों से करवा रहा है. यह तो आने वाले समय में पता चलेगा कि कराया गया करोड़ों रुपये की लागत से कटाव निरोधक कार्य कितना कारगर साबित होगा. गंगा नदी के कटाव को रोकने में अभी तक कटाव निरोधक कार्य आधा-अधूरा होने से तटवर्ती गांव के लोगों की धड़कनें संभावित बाढ़ व कटाव से तेज हो गयी है. मानसून के जल्द ही प्रवेश होने पर कटाव निरोधक कार्य में बाधा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है. गोपालपुर प्रखंड के बोचाही, सैदपुर, वीरनगर, बुद्धूचक, बिंद टोली व तिनटंगा करारी सहित दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
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