सृजन घोटाला बिहार: 3 साल बाद जेल से जमानत पर निकले इंडियन बैंक के मैनेजर, दो दर्जन आरोपित अभी भी फरार
बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाले में आरोपित इंडियन बैंक के मुख्य प्रबंधक प्रवीण कुमार को हाइकोर्ट से मिली जमानत के बाद रिहा कर दिया गया. इस घोटाले की जांच चल रही है जबकि दो दर्जन आरोपित अभी भी फरार हैं.
सृजन घोटाले के तीन मामलों में अभियुक्त रहे इंडियन बैंक के मुख्य प्रबंधक प्रवीण कुमार जेल से रिहा हो गये. सीबीआइ की विशेष अदालत ने बुधवार को उच्च न्यायालय से मिली जमानत के आलोक में इंडियन बैंक के मुख्य प्रबंधक प्रवीण कुमार को रिहा कर दिया गया.
इंडियन बैंक के मुख्य प्रबंधक तीन साल बाद रिहा
प्रवीण कुमार सृजन घोटाले में आरसी 15 ए 2017, 17 ए 2017 एवं 07 , 2018 में आरोपी बनाये गये हैं. वे पिछले तीन साल से जेल में बंद थे. पटना हाइकोर्ट से जमानत मिलने पर जेल से रिहा हुए हैं. सृजन घोटाले में अब तक 10 आरोपितों को जमानत मिल चुकी है. सीबीआइ अब तक दो दर्जन मुकदमा दर्ज कर चुकी है. दो दर्जन आरोपी गिरफ्त में नहीं आये हैं. सीबीआइ की विशेष अदालत जल्द ही वारंट जारी करेगी.
कारण बताओ नोटिस जारी
सृजन घोटाला मामले में आरोपित जिला नजारत शाखा के तत्कालीन नाजिर ओम कुमार श्रीवास्तव व डीआरडीए के तत्कालीन क्लर्क अरुण कुमार को डीएम ने द्वितीय कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इन दोनों आरोपितों से उनके विरुद्ध आरोपों पर जवाब मांगा गया है. 15 दिनों के भीतर जवाब देना है. जवाब संतोषप्रद नहीं पाया गया, तो दोनों पर कार्रवाई की जायेगी.
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कार्रवाई को लेकर डीएम निर्णय लेंगे
ओम कुमार श्रीवास्तव व अरुण कुमार पर लगे आरोपों को लेकर उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही कई वर्षों से चल रही थी. इसकी सुनवाई पूरी हाेने के बाद संचालन पदाधिकारी ने अपना मंतव्य डीएम को सौंप दिया था. अब दोनों आरोपितों द्वारा जवाब दिये जाने के बाद कार्रवाई को लेकर डीएम निर्णय लेंगे.
पूर्व के दो नाजिरों के मामले में सुनवाई 30 को :
जिला भू-अर्जन कार्यालय के पूर्व नाजिर राकेश झा और जिला परिषद के पूर्व नाजिर राकेश कुमार के खिलाफ चल रही विभागीय कार्यवाही की अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी. गत शनिवार को दोनों पूर्व नाजिरों के मामले में सुनवाई हुई थी. इसमें भू-अर्जन कार्यालय से साक्ष्य नहीं मिलने के मामले में प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी सह जिला भू-अर्जन पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया. वहीं जिला परिषद के वर्तमान नाजिर व अपर कार्यपालक पदाधिकारी से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है.