Srijan scam: CBI को भेजी जाने वाली रिपोर्ट अटकी, फोन करने पर भी नहीं पहुंच रहे पूर्व DWO
सृजन घोटाला मामले में सीबीआई को भेजी जाने वाली रिपोर्ट श्रावणी मेला के कारण अटकी हुई है. एक जुलाई को सीबीआई डीएसपी ने मामले में 10 बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी.
Srijan scam: भागलपुर के सृजन घोटाला मामले में सीबीआइ को भेजी जानेवाली रिपोर्ट श्रावणी मेला के कारण तैयार नहीं हो पा रही है. एक जुलाई को सीबीआइ के पटना कार्यालय के डीएसपी ने जिला कल्याण पदाधिकारी से 10 बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार कर भेजने का निर्देश दिया था. लेकिन श्रावणी मेला में अधिकतर पदाधिकारियों के प्रतिनियुक्त रहने के कारण रिपोर्ट पूरी नहीं हो पा रही है.
सीबीआइ ने क्या जानकारी मांगी
वित्तीय वर्ष 2017-18 में भागलपुर में सृजन घोटाले का पता चलने के तुरंत बाद तत्कालीन डीएम ने जिला कल्याण कार्यालय में जांच के लिए अधिकारियों की टीम भेजी थी. उन अधिकारियों व टीम के सदस्यों का ब्योरा उनके वर्तमान पोस्टिंग स्थान के साथ मांगी है. सीबीआइ ने वह जांच रिपोर्ट की कॉपी मांगी है, जो डीएम द्वारा गठित टीम ने जांच के बाद डीएम को सौंपी थी.
सरकार से प्राप्त आवंटन से संबंधित दस्तावेज, जो वित्तीय वर्ष 2007-08 से 2016-17 की अवधि के दौरान जिला कल्याण कार्यालय द्वारा वितरण किया गया, इसकी जानकारी भी मांगी है. इस अवधि के दौरान योजनावार और वर्षवार आवंटन पत्र की सूची मांगी है. इसी अवधि के दौरान सरकारी आवंटन का उपयोगिता प्रमाणपत्र मांगा गया है.
वर्ष 2007-08 से 2016-17 तक जिला कल्याण पदाधिकारी के कार्यालय की अवधि के दौरान सृजन के खातों में 99.88 करोड़ रुपये की राशि अवैध रूप से जमा की गई है. इसमें यह स्पष्ट करने कहा गया है कि जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा संबंधितों को भुगतान कैसे किया गया है, जिसके विरुद्ध सरकार द्वारा यह निधि स्वीकृत की गयी. यदि इस हेराफेरी के कारण जिला कल्याण पदाधिकारी के कार्यालय द्वारा भुगतान नहीं किया गया है, तो योजना का नाम और उस राशि का उल्लेख करते हुए विस्तृत उत्तर मांगा गया है, जिसके विरुद्ध जिला कल्याण पदाधिकारी के कार्यालय द्वारा भुगतान नहीं किया गया है.
वित्त विभाग द्वारा कल्याण कार्यालय का किया गया इंटरनल ऑडिट रिपोर्ट मांगी गयी है. उक्त वर्षों में भागलपुर में पदस्थापित व प्रतिनियुक्त तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी, नाजिर व प्रधान सहायक की सूची मांगी है.
सीबीआइ कार्यालय के बार-बार फोन करने पर भी नहीं पहुंच रहे पूर्व डीडब्ल्यूओ
तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी सुनील शर्मा सृजन घोटाले का पता चलने के तुरंत बाद पदस्थापित किये गये थे. उन्हें कई बार नोटिस और मोबाइल फोन के माध्यम से सीबीआइ कार्यालय ने अनुरोध किया, लेकिन वे आज तक इस कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए. इस संबंध में वर्तमान जिला कल्याण पदाधिकारी को भी अवगत कराया गया है. लेकिन सुनील शर्मा इस मामले से संबंधित विभिन्न तथ्यों को समझाने के लिए सीबीआइ कार्यालय नहीं पहुंचे. सीबीआइ कार्यालय में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.
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क्या है सृजन स्कैम?
वित्तीय वर्ष 2007-08 से 2016-17 की अवधि में जिला कल्याण कार्यालय के 221.60 करोड़ की राशि सृजन के खाते में चली गयी. कुल 120.38 करोड़ रुपये सृजन के विभिन्न खाते से जिला कल्याण कार्यालय के विभिन्न खाते में जमा किया गया. राज्य के बहुचर्चित सृजन घोटाले के मामले की जांच सीबीआइ कर रही है. सृजन संस्था पर 14 वर्षों तक विभिन्न सरकारी कार्यालयों की राशि घोटाले करने का आरोप है. ज्ञात हो कि सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड, सबौर की शुरुआत गरीब, नि:सहाय महिलाओं के उत्थान के उद्देश्य से हुई थी. बाद में घोटाले दर घोटाले किये जाने लगे.