कमरों की लड़ाई की भेंट चढ़ गयी स्थायी समिति की बैठक
नगर निगम स्थायी समिति की बैठक बुधवार को दोपहर दो बजे निर्धारित थी. स्थायी समिति सदस्यों का कोरम भी पूरा हो गया, लेकिन बैठक नहीं हो सकी.
नगर निगम स्थायी समिति की बैठक बुधवार को दोपहर दो बजे निर्धारित थी. स्थायी समिति सदस्यों का कोरम भी पूरा हो गया, लेकिन बैठक नहीं हो सकी. मेयर डॉ बसुंधरालाल व नगर आयुक्त नितिन कुमार अपनी बातों पर अड़े रहे. मेयर पत्र का हवाला देकर अपने चेंबर में बैठक करने के लिए तैयार थीं, तो नगर आयुक्त मेयर चेंबर में संकीर्णता का हवाला देकर सभागार में बैठक को लेकर तैयार दिखे. संवादहीनता कहें या इगो. इस तरह स्थायी समिति की बैठक कमरों की लड़ाई की भेंट चढ़ गयी. नगर आयुक्त नितिन कुमार ने जहां विकास का हवाला दिया, तो मेयर ने विकास के साथ जनप्रतिनिधि के सम्मान की बात कही. बैठक के लिए स्थायी समिति सदस्य संजय सिन्हा, निकेश कुमार, अरशदी बेगम, दीपिका कुमारी व संध्या गुप्ता मेयर वेश्म में बैठीं थीं, तो दूसरी ओर सभागार में नगर आयुक्त के साथ उप नगर आयुक्त, सिटी मैनेजर समेत अलग-अलग शाखा के प्रभारी बैठक के लिए बैठे थे.
इस तरह रहा घटनाक्रम-मेयर ने स्थायी समिति सदस्य संजय सिन्हा काे नगर आयुक्त के पास भेजा
-इसी बीच डिप्टी मेयर डॉ सलाहउद्दीन अहसन नगर आयुक्त से मिलने सभागार पहुंचे. फिर अपने चेंबर लौट गये.
-नगर आयुक्त खुद डिप्टी मेयर डॉ सलाहउद्दीन अहसन के चेंबर पहुंचे और अलग-अलग विषयों व पार्षदों की समस्या पर 47 मिनट तक चर्चा की.-एक पर्दा के फासला पर मेयर के चेंबर नहीं गये.
-बैठक रद्द करने की घोषणा की गयी.-मेयर पूरी घटना की शिकायत पत्र भेजकर जिलाधिकारी व प्रमंडलीय आयुक्त से की.
स्थायी समिति की बैठक में आमलोगों की बैठने की नहीं थी सुविधा नगर विकास विकास विभाग की ओर से पत्र भेजकर नगर निगम के स्थायी व सामान्य बोर्ड की बैठक की कार्रवाई देखने के लिए आम लोगों को शामिल करने का निर्देश दिया गया था. पहले ही बैठक में कोई व्यवस्था नहीं दिखी और उल्टे कमरों को लेकर एक जनप्रतिनिधि, तो दूसरे प्रशासक लड़ गये.पहले भी बिना कारण मेयर व नगर आयुक्त का होता रहा है विवाद
सामान्य बोर्ड की बैठक में पहले भी मेयर व नगर आयुक्त के बीच तल्खी दिखी है. इस कारण सामान्य बोर्ड की बैठक टलती रही है. दो बार बैठक टल गयी. नगर विकास मंत्री नितिन नवीन के पास भी दोनों के विवाद का मामला पहुंचा था. मंत्री ने कहा था कि इस मामले को लेकर गंभीरता से चर्चा की गयी जायेगी.
नगर आयुक्त ने कहाबैठक का पत्र जारी हुआ, लेकिन सभागार में सभी के बैठने की व्यवस्था है. मेयर का चेंबर छाेटा है, वहां माइक भी नहीं है. कर्मियाें व अधिकारियाें के लिए जगह कम पड़ जाता. इसके लिए उप नगर आयुक्त व कार्यालय प्रधान को मेयर के पास भेजा गया. समन्वय में किसी तरह की दिक्कत नहीं है, काेई विवाद नहीं है. मैडम काे रिक्वेस्ट किया गया सभागार में ही बैठक करें. विकास को बाधित नहीं होने दिया जायेगा. कोई गलत मैसेज बाहर नहीं जायेगा. सबकुछ ठीक है.
नितिन कुमार, नगर आयुक्त, नगर निगम भागलपुरकहती हैं मेयर
पहले ही दो बार पत्र भेजकर बैठक का समय व जगह निर्धारित किया. मेयर के अधिकार क्षेत्र में है कि बैठक कहां होगी और नहीं होगी. वो कौन होते हैं तय करने वाले. पहले भी स्थायी समिति की बैठक मेयर वेश्म में होती रही है. उनके समय में कुछ बैठक जरूर सभागार में हुई. नगर आयुक्त ने अवहेलना की. एक घंटे तक लगातार इंतजार किया. विकास कार्य बाधित कर रहे हैं. नगर आयुक्त मनमाने ढंग से कार्य करते हैं. 15 अगस्त काे भी स्थायी समिति सदस्याें से ध्वजारोहण कराने का निर्देश दिये, अपनी मर्जी से आदेश बदल दिया. अगली बैठक भी उनके वेश्म में होगी. उनकी शिकायत ऊपर तक करुंगी.डॉ बसुंधरालाल, मेयर, भागलपुर नगर निगम
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