कॉलेज के 41वां स्थापना दिवस पर प्रतिमा का अनावरण
महाविद्यालय के 41वां स्थापना दिवस पर स्व बनारसी लाल सर्राफ और स्व शोभा देवी सर्राफ की प्रतिमा का अनावरण किया गया
बनारसी लाल सर्राफ वाणिज्य महाविद्यालय नवगछिया में सोमवार को एक साथ कई कार्यक्रम हुए. महाविद्यालय के 41वां स्थापना दिवस पर स्व बनारसी लाल सर्राफ और स्व शोभा देवी सर्राफ की प्रतिमा का अनावरण किया गया. टीएमबीयू के कुलपति ने काॅलेज का निरीक्षण किया. कुलपति ने बीसीए कोर्स का शुभारंभ किया. काॅलेज में बने नवनिर्मित प्रशाल का उद्घाटन किया. कार्यक्रम का संयोजन टीएमबीयू के सीनेट सदस्य डाॅ मृत्युंजय सिंह गंगा ने किया. कार्यक्रम रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद के सानिध्य में हुआ. समारोह मंच पर स्वामी आगमानंद के अलावा कुलपति प्रो डाॅ जवाहर लाल, विवि के विवि के साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ अशोक कुमार ठाकुर, डाॅ उग्र मोहन झा, एमएलसी डाॅ संजीव कुमार सिंह, डाॅ अमरकांत सिंह, डाॅ अर्चना झा मौजूद थी. प्राचार्य मो नईमउद्दीन ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यक्रम में बनारसी लाल सर्राफ और शोभा देवी सर्राफ के परिवार से महाविद्यालय के संस्थापक सचिव संतोष सर्राफ, गोपाल सर्राफ, हर्ष सर्राफ उपस्थित थे. मृत्युंजय सिंह गंगा ने कुलपति से आग्रह किया कि आप हमारे इस महाविद्यालय को नैक से मूल्यांकन करायें. मेरा यह महाविद्यालय यूजीसी के मापदंड पर खरा उतरेगा. अद्वैत मिशन बौंसी शिक्षण संस्थान के चेयरमैन अरविंद, शिवशक्ति योगपीठ से कुंदन बाबा, पंडित प्रेम शंकर भारती, राम बालक भाई उपस्थित थे. कुलपति ने बनारसी लाल सर्राफ की शिक्षा के प्रति समर्पण को याद किया. उन्होंने कहा कि आज बनारसी का सपना साकार हुआ. 14 विद्यार्थी से शुरू हुआ यह महाविद्यालय 7000 हजार तक पहुंच गया. इस कालेज का मैं हर प्रकार से सहयोग करूंगा. वीसी ने काॅलेज प्रशासन से अपील की कि योग और मेडिटेशन सेंटर के अलावा ज्यादा से ज्यादा वोकेशनल कोर्स शुरू करायें. स्वामी आगमानंद महाराज ने सर्राफ परिवार को विशेष रूप से आशीर्वाद देते हुए कहा कि नवगछिया में इन लोगों ने जो कार्य किये हैं, वह शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा याद किये जायेंगे. यहां के आचार्य, कर्मचारी, शिक्षकेतर व शासी निकाय ने कम संसाधन और कम आय में जिस तरह महाविद्यालय की सेवा की, विद्यार्थियों को पढ़ाया वह अद्वितीय हैं. काॅलेज के एनसीसी कैडेटों ने व्यवस्थाओं को संभाला. कुलपति व स्वामी आगमानंद को गार्ड आफ आनर दिया. छात्राओं ने कुलगीत गाये. महाविद्यालय का 41वां वार्षिक समारोह कई मायनों में इस वार ऐतिहासिक रहा है.
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