नवगछिया का मोस्टवांटेड शार्प शूटर पुरुषोत्तम उर्फ छोटुवा समेत तीन अपराधियों को एसटीएफ ने कार्बाइन के साथ किया गिरफ्तार

भागलपुर के नवगछिया का मोस्टवांटेड शार्प शूटर पुरुषोत्तम कुमार उर्फ छोटुवा को एसटीएफ ने मंगलवार को नवगछिया-मधेपुरा की सीमा पर गिरफ्तार कर लिया. एसटीएफ की कार्रवाई में छोटुवा के साथ उसके गिरोह के अन्य सदस्यों की भी गिरफ्तारी हुई है. साथ ही एसटीएफ ने छोटुवा के दो सहयोगियों को पुलिस कार्बाइन और करीब चार दर्जन जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है. मामले की पुष्टि एसटीएफ आईजी ने की है.

By Kaushal Kishor | April 21, 2020 2:24 PM

भागलपुर : नवगछिया का मोस्टवांटेड शार्प शूटर पुरुषोत्तम कुमार उर्फ छोटुवा को एसटीएफ ने मंगलवार को नवगछिया-मधेपुरा की सीमा पर गिरफ्तार कर लिया. एसटीएफ की कार्रवाई में छोटुवा के साथ उसके गिरोह के अन्य सदस्यों की भी गिरफ्तारी हुई है. साथ ही एसटीएफ ने छोटुवा के दो सहयोगियों को पुलिस कार्बाइन और करीब चार दर्जन जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है. मामले की पुष्टि एसटीएफ आईजी ने की है.

जानकारी के मुताबिक, नवगछिया के गोपालपुर लतरा निवासी मोस्टवांटेड शार्प शूटर पुरुषोत्तम कुमार उर्फ छोटुवा को एसटीएफ ने मंगलवार को नवगछिया-मधेपुरा की सीमा पर उसके तीन सहयोगियों के साथ गिरफ्तार कर लिया. साथ ही पुलिस कार्बाइन और करीब चार दर्जन जिंदा कारतूस बरामद किया है. छोटुवा पर दर्जन भर से ज्यादा हत्या समेत कई संगीन मामले दर्ज हैं. इसी साल अप्रैल में नवगछिया के गोपालपुर स्थित लतरा गांव में राजभर यादव हत्याकांड में छोटुवा मुख्य आरोपित है. वह नवगछिया के जिला पार्षद सदस्य गौरव राय के बड़े भाई सोनू राय की हत्या, नवगछिया के बाहुबली विनोद यादव की हत्या में भी वांछित है.

मालूम हो कि सोनू राय की हत्या पिछले साल अक्टूबर में गोली मार कर कर दी गयी थी. इसके बाद नवगछिया एसपी ने छोटुवा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा था. इसके बाद मुख्यालय ने छोटुवा पर 50 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया था. साल 2017 के मार्च में छोटुवा को भागलपुर के तत्कालीन एसएसपी ने एसटीएफ के सहयोग से नाथनगर से भारी संख्या में हथियार के साथ दबोचा था. इसके बाद वह जेल से फरार हो गया था. जेल से फरार होने के बाद से इलाके में उसका आतंक बढ़ गया था. इससे पहले साल 2016 के अगस्त में नवगछिया के बाहुबली विनोद यादव की हत्या कर वह चर्चा में आ गया था. उससमय भी उसकी गिरफ्तारी के लिए 50 हजार रुपये का ईनाम रखा गया था.

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