भागलपुर के पीरपैंती प्रखंड की परसबन्ना पंचायत की कई महिलाएं कभी देशी शराब व ताड़ी के व्यवसाय से जुड़ी हुई थीं. इनमें कुछ महिलाएं बटाई पर गाय पालन करती थीं. लेकिन राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद शराब और ताड़ी का व्यवसाय बंद हो गया. आय का कोई साधन नहीं रहा और उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गयी. गाय पालन आय का साधन नहीं बन पा रहा था. फिर उन्हें जीविका के माध्यम से सतत जीविकोपार्जन योजना से जोड़ा गया. दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होने लगी. आज ये महिलाओं सुधा डेयरी को दूध बेच रही हैं और खुशहाल जीवन जी रही हैं. दुग्ध उत्पादन करनेवाली महिलाओं की एक दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति बनायी गयी है. इसका नाम रखा टोला जीविका महिला दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति रखा गया है.
पीरपैंती प्रखंड में कुल 38833 लक्षित परिवार है. परियोजना के अंतर्गत कुल 3171 जीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़े हुए हैं. कुल ग्राम संगठनों की संख्या 215 है. पांच संकुल स्तरीय संघ हैं. कुल 8117 परिवार अनुसूचित जनजाति से है. प्रखंड में कुल 2268 परिवार सतत जीविकोपार्जन योजना से जुड़े हुए हैं.
विक्रमशिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड, विमूल (सुधा डेयरी) द्वारा महिलाओं को सहयोग किया जा रहा है. सुधा डेयरी द्वारा सुधा मित्र समिति की बैठक में महिलाओं को मार्गदर्शन दिया जाता है. सुधा डेयरी के तरफ से दूध रखने के लिए केन, फैट जांच करने की मशीन आदि दी जाती है. इसके साथ ही मिनरल मिक्सचर, सुधा दाना, दवाई आवश्यकता अनुसार दी जाती है. सुधा डेयरी द्वारा इन महिलाओं से दूध खरीदा जाता है.
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सतत जीविकोपार्जन योजना का प्रारंभ प्रखंड में वर्ष 2018 में हुआ. इसके तहत शराब व ताड़ी से जुड़े हुए परिवारों को चह्नित कर जोड़ा गया. सूक्ष्म योजना के तहत सदस्य को व्यवसाय के बारे में, व्यवसाय को बढ़ाने व आगे की योजना के बारे में जीविका द्वारा जानकारी ली गयी. इसी क्रम में कुछ दीदी गाय पालन का व्यवसाय करती थी और इसे ही आगे बढ़ाने को इच्छुक थी. फिर सभी सदस्य को मिला कर रखा टोला जीविका महिला दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति का गठन किया गया.
Posted By: Thakur Shaktilochan