नहीं रहे कथाकार सुधाकर, मधुपुर में निधन
हिन्दी के जाने-माने कथाकार सुधाकर मिश्र (88) का निधन मधुपुर के कालीपुर टाउन स्थित आवास पर हो गया. 70-71 के आसपास जब भागलपुर दूर संचार विभाग, भागलपुर में मॉनिटर के पद उनका तबादला हुआ, तो आदमपुर स्थित पोस्टल कॉलोनी का क्वार्टर नंबर 31 साहित्यिक गतिविधियों का केंद्र बन गया. लोकतांत्रिक रचनाकार
हिन्दी के जाने-माने कथाकार सुधाकर मिश्र (88) का निधन मधुपुर के कालीपुर टाउन स्थित आवास पर हो गया. 70-71 के आसपास जब भागलपुर दूर संचार विभाग, भागलपुर में मॉनिटर के पद उनका तबादला हुआ, तो आदमपुर स्थित पोस्टल कॉलोनी का क्वार्टर नंबर 31 साहित्यिक गतिविधियों का केंद्र बन गया. लोकतांत्रिक रचनाकार मंच से लेकर नये, पुराने शहर के रचनाकारों की गोष्ठियां उनके घर सजती रहती थी. वर्ष 94 में सेवानिवृत्ति के बाद भागलपुर छोड़ने तक यह सिलसिला जारी रहा. वरिष्ठ संस्कृतिककर्मी प्रो चंद्रेश ने शोक व्यक्त करते हुए बताया कि वह छत्रहार में जन्मे थे. आठवें दशक में जब टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप द्वारा प्रकाशित हिन्दी की प्रसिद्ध पत्रिका में बेघर शीर्षक से उनकी कहानी छपी तो वह चर्चा के केंद्र में आ गये और फिर कभी उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उनके पहले कहानी संकलन का नाम था कथाकार का जन्म, दूसरा कथा संकलन हमसफर का सपना नाम से प्रकाशित हुआ. साहित्यिक सफर में उनकी सहधर्मिणी कांता सुधाकर का बड़ा योगदान रहा है. दो वर्ष पहले कांता का निधन हो गया था. जिससे वह टूट से गए थे. इस दौर में उनकी बेटी सीमा साया की तरह उनके साथ लगी रहीं.
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