TMBU में मुफ्त मिलने वाले फॉर्म के लिए भी देना पड़ रहा पैसा, दलाल और कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रहा खेल

भागलपुर के तिलकामांझी यूनिवर्सिटी में छात्र दरबार के लिए एक फॉर्म भरा जाता है जो मुफ्त है. लेकिन इसके लिए छात्रों से अब प्रति फॉर्म 10 रुपए वसूले जाने की बात सामने आ रही है

By Anand Shekhar | June 25, 2024 8:07 PM

तिलकामांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी (TMBU) में हर शनिवार आयोजित होने वाले छात्र दरबार के लिए नि:शुल्क मिलने वाले आवेदन फॉर्म छात्र सेवा केंद्र से छात्रों को नहीं मिल पा रहा है. अब उन छात्रों को बाहर के काउंटर से ही फॉर्म 10 रुपये में खरीदने पड़ रहे हैं. चर्चा है कि विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारी व दलाल की मिलीभगत से छात्रों से पैसे लेने का यह खेल चल रहा है.

मामले में विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ आनंद कुमार झा ने कहा कि परीक्षा विभाग से प्रतिदिन छात्र दरबार के लिए फॉर्म छात्र सेवा केंद्र भेजे जाते हैं. छात्रों को नि:शुल्क फॉर्म उपलब्ध कराना है. काउंटर से छात्रों को फॉर्म नहीं मिलना गंभीर मामला है. संबंधित कर्मचारियों से बात करेंगे.

मुफ्त दिया जाता है छात्र दरबार का फॉर्म

विश्वविद्यालय के छात्र सेवा केंद्र के काउंटर से सोमवार, मंगलवार व बुधवार को छात्र दरबार के लिए फॉर्म नि:शुल्क दिया जाता है. ताकि छात्र-छात्राएं फॉर्म पर अपनी समस्या को लिख कर छात्र दरबार के लिए आवेदन कर सकें.

क्या है मामला

डीएनएस कॉलेज भुसिया रजौन की छात्रा पूजा कुमारी छात्र दरबार के लिए छात्र सेवा काउंटर पर फॉर्म लेने पहुंची थी. वह स्नातक सत्र 2017-20 की छात्रा है. मंगलवार को छात्र सेवा केंद्र से छात्र दरबार में आवेदन करने के लिए फॉर्म लेने आये थे. काउंटर पर तैनात कर्मी ने कहा कि फॉर्म नहीं है. विवि के कैश काउंटर या बाहर के काउंटर से ले लें. जब बाहर के काउंटर पर गये, तो दस रुपये में फॉर्म देने की बात कही. उधर, छात्र सेवा काउंटर के कर्मचारियों ने कहा कि 15 दिनों से फॉर्म नहीं मिला है. रहने पर छात्रों को दिया जाता है.

मामले में जानकारी मिल रही है. मुख्यालय आ रहा हूं. गलत करने वालों पर कार्रवाई की जायेगी. परीक्षा विभाग से छात्र दरबार के फॉर्म पर मुहर लगाया जायेगा. मुहर में छात्र दरबार लिखा होगा. इसी फॉर्म को ही छात्र दरबार के लिए मंजूरी दी जायेगी. बिना मुहर के आवेदन को छात्र दरबार में शामिल नहीं किया जायेगा. इसे लेकर परीक्षा नियंत्रक को निर्देश दिया जा रहा है.

प्रो जवाहर लाल, कुलपति
Exit mobile version