भागलपुर का पूर्व कलेक्टर सुब्रत कुमार सेन ही स्मार्ट सिटी लिमिटेड की वेबसाइट पर कंपनी का डायरेक्टर

स्मार्ट सिटी कंपनी के नॉमिनी डायरेक्ट जिला के ही कलेक्टर होते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 14, 2024 1:23 AM

-नये जिलाधिकारी डॉ नवल कुमार चौधरी के योगदान को बीत चुके हैं साढ़े पांच माह, वेबसाइट पर कई नई बातें अपडेट की गयी लेकिन इस ओर किसी ने नहीं दिया ध्यान वरीय संवाददाता, भागलपुर स्मार्ट सिटी कंपनी के नॉमिनी डायरेक्ट जिला के ही कलेक्टर होते हैं. यहां भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के लिए अभी भी तत्कालीन कलेक्टर सुब्रत कुमार सेन ही उनका नॉमिनी डायरेक्ट है. यह अगर सही नहीं है, तो उन्होंने भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के नाम की वेबसाइट के डायरेक्टर की लिस्ट में बदलाव भी तो नहीं किया है. तत्कालीन कलेक्टर सुब्रत कुमार सेन के स्थानांतरण और नये कलेक्टर डॉ नवल किशोर चौधरी के योगदान देने से साढ़े पांच माह बीत गए हैं. बावजूद, इसके तत्कालीन कलेक्टर सेन की तस्वीर और नाम अभी भी वेबसाइट पर अपडेट है. जबकि, नये कलेक्टर डाॅ नवल किशोर चौधरी के योगदान देने के साथ ही उनके नाम का अपडेट वेबसाइट पर हो जाना चाहिए था. यह वेबसाइट देश-दुनिया देख रही है. वहां लोग वेबसाइट के जरिए यही जान रहे हैं कि सुब्रत कुमार सेन ही भागलपुर के कलेक्टर हैं. जबकि, हकीकत में डॉ नवल किशोर चौधरी हैं. वेबसाइट होते रहता है अपडेट, किसी ने ध्यान देना उचित नहीं समझा भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के नाम से वेबसाइट का अपडेट अक्सर होता है. अभी दो दिन पहले ही लाजपत पार्क के पास खाली पड़े वेंडिंग कियोस्क के आवंटन के लिए आवेदन की मांग की है और इसको लेकर भी वेबसाइट पर अपडेट भी किया है. कुछ नया करना होता है, तो उसको वह वेबसाइट पर अपडेट करता है लेकिन, कलेक्ट के डायरेक्टर के मामले को अपडेट करने में चूक कर दी गयी है. लंबित योजनाओं को भी पूरी करने पर ध्यान नहीं स्मार्ट सिटी कंपनी की लंबित योजनाओं को भी पूरा करने पर ध्यान भी तो नहीं है. चार बड़ी परियोजना तय समय से काफी पीछे चल रही है. इसमें बरारी रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, हवाई अड्डा का परिधीय विकास, मल्टीलेबल ऑटोमेटेड कार पार्किंग एवं भैरवा तालाब का सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा नहीं हो सका है. भैरवा तालाब के सौंदर्यीकरण का बंद कार्य अबतक शुरू नहीं हो सका है. हालांकि, काम शुरू करने के लिए एजेंसी को नोटिस दी गयी है. चाराें योजनाएं अधूरी है. केंद्र सरकार ने पांच साल के लिए निर्धारित स्मार्ट सिटी मिशन परियोजना को दो साल का विस्तार दिया है. अब कंपनी काम तेजी से कराये या धीमी गति से, उनके पास समय ही समय है.

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