ऐसे नियम लाये जा रहे हैं कोई आवश्यकता ही नहीं
ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के बैनर रविवार को एक इंस्टीट्यूट में वक्फ कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. अध्यक्षता ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के उपाध्यक्ष मौलाना अनिसुर्रहमान काशमी ने किया.
ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के बैनर रविवार को एक इंस्टीट्यूट में वक्फ कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. अध्यक्षता ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के उपाध्यक्ष मौलाना अनिसुर्रहमान काशमी ने किया. कार्यक्रम में राज्य भर के दानिशवरों व उलेमा-ए-दीन ने शिरकत किया. इस अवसर पर खानकाह- ए- पीर शाह दमाड़िया के सज्जादानशीं सैयद शाह फखरे आलम हसन ने कहा कि आज देश में गरीबी,बेरोजगारी,महंगाई, सांप्रदायिकता,नफरत व छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़े- फसाद ऐसे अनेकों समस्या हैं. उन्होंने दुख प्रकट करते हुए कहा कि उन सब मसलों को सुलझाने की बजाय आज सिर्फ सियासत की जा रही है. खास तौर पर देश के अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े हुए मसलों को देश का अहम मुद्दा बनाते हुए उस पर पार्लियामेंट या पार्लियामेंट के बाहर आवाज़ें उठाई जा रही है. अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को परेशान करने के लिए बहुत से ऐसे नियम लाये जा रहे हैं. जिनकी कोई आवश्यकता ही नहीं है. सैयद फखरे हसन ने केंद्र व बिहार सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि वक्फ एक्ट में जो वे संशोधन करना चाह रहे हैं. उस पर गौर फरमाते हुए, उस पर दुबारा नजर डालें. ऐसे किसी कानून को ना लाये. जिससे अल्पसंख्यक समुदाय को कष्ट या तकलीफ हो. उन्होंने कहा कि हमेशा से हमारी कोशिश यही रही हैं कि हम देश के विकास को आगे बढ़ाये. हिंदू-मुस्लिम व तमाम समुदाय के लोग मिलकर इस देश की तरक्की में अपना हाथ बंटाये. हुकूमत को भी चाहिए कि तमाम समुदाय के लोगों को एक नजर से देखते हुए उनके प्रति न्याय करें. उन्हें भी आगे बढ़ाने की हर संभव कोशिश की जाये. मौके पर सांसद पप्पू यादव, खालिद अनवर, जदयू एमएलसी अख्तरुल ईमान, जाहिद हसीमी सहित बिहार के नामवर ओलामा -ए-इकराम आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है