Bhagalpur_News सुलतानगंज के साधनसेवी को किया गया पदमुक्त
सुलतानगंज के साधनसेवी की नौकरी चली गयी
स्कूलों के निरीक्षण और विभाग को समर्पित किये गये प्रतिवेदन में लापरवाही करने पर भागलपुर के डीईओ राजकुमार शर्मा ने सुलतानगंज के साधनसेवी सेवानिवृत्त शिक्षक सुधीर कुमार को पदमुक्त कर दिया गया है. दरअसल अपर मुख्य सचिव के आदेश के आलोक में जिला अवस्थित सभी सरकारी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों का निरीक्षण विहित प्रपत्र में किये जाने का निर्देश प्राप्त है. सभी कर्मियों तथा पदाधिकारियों के बीच विद्यालय का आवंटन निरीक्षण हेतु किया गया है. डीईओ राजकुमार शर्मा ने कहा है कि सुधीर कुमार, प्रखंड साधन सेवी (सेवानिवृत शिक्षक) सुलतानगंज, भागलपुर को तीन माह के लिए कुल 14 (चौदह) विद्यालय आवंटन किया गया था. जिसके आलोक में श्री कुमार द्वारा 10 जुलाई को कुल पांच विद्यालयों का निरीक्षण किया गया.
निरीक्षण में की गयी थी खानापूर्ति
18 जुलाई को वीसी में अपर मुख्य सचिव द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन की समीक्षा की गयी. समीक्षा के क्रम में प्रखंड साधन सेवी, सुलतानगंज के निरीक्षण प्रतिवेदन अस्पष्ट एवं लापरवाहीपूर्ण पाया गया जिससे स्पष्ट होता है कि निरीक्षण में खानापूर्ति की गयी है, जो विभागीय निर्देश और उद्देश्य अवहेलना है. वीसी में प्राप्त निर्देश एवं श्री सुधीर कुमार को प्रखंड साधन सेवी द्वारा निरीक्षण में बरती गयी लापरवाही एवं कर्तव्यहीनता को मंगलवार को आयोजित जिलास्तरीय चयन समिति की बैठक में सुधीर कुमार को कार्यमुक्त करने का निर्णय लिया गया.यूजीसी नेट की परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न, पिछले वर्ष की तुलना में आसान रहा प्रश्न
जिले में तीन सेंटरों पर मंगलवार को दो शिफ्टों में यूजीसी नेट की परीक्षा हुई. पहली पाली में सुबह 9:30 से दोपहर 12:30 बजे तक और दूसरी पाली में दोपहर तीन से शाम छह बजे तक परीक्षा ली गयी है. पहली शिफ्ट की परीक्षा संपन्न होने के बाद स्टूडेंट्स से बातचीत और कोचिंग सेंटर द्वारा किये गये प्रश्न पत्र के विश्लेषण से यह पता चला कि इस वर्ष का प्रश्न पत्र न ही आसान और न ही कठिन था. प्रश्न पत्र मध्यम स्तर का रहा है. इसके साथ ही पेपर एक में डाटा इंटरप्रिटेशन भी काफी आसान रहा है. परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) प्रकार में आयोजित न करके पेन-पेपर बेस्ड आयोजित की गयी. प्रश्न पत्र के विश्लेषण के दौरान यह अनुमान लगाया गया कि इस वर्ष का प्रश्न पिछले वर्ष के मुकाबले आसान रहा है.
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